एक्शन मोड में RBI चीफ शक्तिकांत दास, CEO और MD की मीटिंग बुलाई

एक्शन मोड में RBI चीफ शक्तिकांत दास, CEO और MD की मीटिंग बुलाई

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-12 12:55 GMT
एक्शन मोड में RBI चीफ शक्तिकांत दास, CEO और MD की मीटिंग बुलाई
हाईलाइट
  • RBI गवर्नर का पद संभालते ही उन्होंने एक प्रेस कॉ़न्फ्रेंस आयोजित की।
  • RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अपना पद ग्रहण किया।
  • शक्तिकांत ने गुरुवार को CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर की एक मीटिंग बुलाई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए गवर्नर शक्तिकांत दास बुधवार को पद ग्रहण करते ही एक्शन में आ गए हैं। RBI चीफ का पद संभालते ही उन्होंने एक प्रेस कॉ़न्फ्रेंस आयोजित की। मीडिया से बात करते हुए शक्तिकांत ने कहा कि वह सरकार और RBI दोनों को साथ लेकर चलने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में चल रही परेशानियों को दूर करने के लिए गुरुवार को CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर की एक मीटिंग बुलाई है।

शक्तिकांत ने कहा, "RBI के गवर्नर के तौर पर मेरी नियुक्ति के बाद मैं काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह RBI की सेवा और सम्मान करने का शानदार अवसर है। मैं इस संस्थान के प्रोफेशनलिज्म, कोर वेल्यू, विश्वसनीयता और स्वायत्ता को बरकरार करने की कोशिश करूंगा। मैं इंडियन इकोनॉमी में और बेहतरी के लिए सबके साथ काम करने की पूरी कोशिश करूंगा।"

RBI के नए गवर्नर ने कहा, "मैंने सभी पब्लिक सेक्टर बैंक के CEO और MD के साथ गुरुवार सुबह एक मीटिंग रखी है। बैंकिंग हमारे इकोनॉमी में एक महत्वपूर्ण अंग है। बैंकिंग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और इसे दूर करने की जरूरत है। मैं जल्द से जल्द इस बैंकिंग सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।" 

सरकार और RBI के संबंध को लेकर शक्तिकांत ने कहा, "मुझे नहीं पता कि संबंध अच्छे हैं या बुरे, लेकिन हमें अपने स्टेकहोल्डरों से परामर्श लेने की जरूरत पड़ेगी। सरकार न सिर्फ एक स्टेकहोल्डर है, बल्कि इस देश को और इस देश की इकोनॉमी पॉलिसी को भी देखती है। इसलिए सरकार और RBI के बीच बातचीत होती रहनी चाहिए।"

बता दें कि शक्तिकांत दास को RBI का 25वां गवर्नर बनाया गया है। शक्तिकांत दास ने RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल की जगह ली। 15वें वित्त आयोग के मेंबर शक्तिकांत दास नोटबंदी के वक्त आर्थिक मामलों के सचिव भी रह चुके थे और ऐसा कहा जा रहा है कि इस फैसले में उनकी प्रमुख भूमिका रही थी। शक्तिकांत G-20 सम्मेलन के शेरपा भी रह चुके हैं। 

इससे पहले काफी समय से RBI और केंद्र सरकार के बीच चल रहे विवाद के बाद उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया था। पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 में समाप्त होना था। माना जा रहा है कि RBI के पास उपलब्ध करंसी में से सरकार कुछ हिस्सा लेना चाहती थी, जिसे लेकर उर्जित पटेल सहमत नहीं थे और उन्होंने 9 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया। 

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