रिलायंस भारत को पूरी तरह से एकीकृत, एंड-टू-एंड नवीकरणीय ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा
मुकेश अंबानी रिलायंस भारत को पूरी तरह से एकीकृत, एंड-टू-एंड नवीकरणीय ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा
- ग्रीन हाइड्रोजन को सबसे किफायती ईंधन विकल्प बनाने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास जारी हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा है कि कंपनी ने जामनगर में 5,000 एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स विकसित करना शुरू कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 2021 में बोलते हुए, अंबानी ने कहा कि यह दुनिया में सबसे बड़ी एकीकृत अक्षय ऊर्जा निर्माण सुविधाओं में से एक होगा।
इस परिसर में चार गीगा फैक्ट्रियां होंगी, जो अक्षय ऊर्जा के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करती हैं। पहला एक एकीकृत सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल कारखाना होगा। दूसरा एक उन्नत ऊर्जा भंडारण बैटरी कारखाना होगा। तीसरा ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए इलेक्ट्रोलाइजर फैक्ट्री होगी।
अंबानी ने कहा कि चौथा हाइड्रोजन को मकसद और स्थिर शक्ति में बदलने के लिए ईंधन सेल का कारखाना होगा। अंबानी ने कहा कि अगले तीन वर्षों में हम इन पहलों में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि रिलायंस इस प्रकार भारत और भारतीयों के लिए पूरी तरह से एकीकृत, एंड-टू-एंड नवीकरणीय ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगी और पेश करेगी।
ग्रीन हाइड्रोजन को सबसे किफायती ईंधन विकल्प बनाने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास जारी हैं। अंबानी ने कहा, मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि रिलायंस इस दशक की शुरुआत से पहले आक्रामक रूप से इस लक्ष्य का पीछा करेगी और इसे अच्छी तरह से हासिल कर लेगी।
मुझे यकीन है कि भारत एक दशक के भीतर 1 अमरीकी डालर प्रति किलोग्राम के तहत हासिल करने का और भी आक्रामक लक्ष्य निर्धारित कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह भारत को 1 दशक में प्रति 1 किलोग्राम प्रति डॉलर हासिल करने वाला विश्व स्तर पर पहला देश बना देगा।
आईएएनएस