5 साल के निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, आई 13 पैसे की गिरावट 

5 साल के निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, आई 13 पैसे की गिरावट 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-03 05:27 GMT
5 साल के निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, आई 13 पैसे की गिरावट 
हाईलाइट
  • मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 5 साल के सबसे निचले 68.91 के स्तर पर खुला।
  • सेंसेक्स 16 अंक मजबूती के साथ 35
  • 279 के स्तर पर और निफ्टी 3 अंक कमजोरी के साथ 10
  • 654 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
  • सोमवार को रुपया गिरावट के साथ 68.80/$ पर बंद हुआ था।


डिजिटल डेस्क । मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 5 साल के सबसे निचले 68.91 के स्तर पर खुला। इसके पहले, 28 अगस्त 2013 को रुपया इस लेवल पर दिखा था। सोमवार को रुपया गिरावट के साथ 68.80/$ पर बंद हुआ था। बता दें कि आज (मंगलवार) शेयर मार्केट ने शुरूआत मिलीजुली रही। सेंसेक्स 16 अंक मजबूती के साथ 35,279 के स्तर पर और निफ्टी 3 अंक कमजोरी के साथ 10,654 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। 

 

क्या था सोमवार को बाजार का हाल

सोमवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 159.07 प्वाइंट गिरकर 35,264.41 और निफ्टी 57 प्वाइंट गिरकर 10,657.30 पर बंद हुआ, लेकिन फिर भी बाजार दिन के निचले स्तरों से 100 प्वाइंट तक उबरा। सोमवार को रिलायंस, ITC, HDFC में गिरावट का असर दिखा। वहीं रुपया भी हल्की गिरावट के साथ 68.38/$ पर खुला था। 

 

रुपया 5 साल के निचले स्तर पर, 68.80 प्रति डॉलर

सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 5 साल के लो लेवल 68.80 के स्तर पर बंद हुआ।इसके पहले, 28 अगस्त 2013 को रुपया इस लेवल पर दिखा था।कमजोर रुपए की मार के कारण सोमवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 159.07 प्वाइंट की गिरावट के साथ 35,264.41 प्वाइंट और निफ्टी 57 अंक घटकर 10,657.30 अंक पर बंद हुआ।

 

इस साल 7% से ज्यादा कमजोर हो चुका है रुपया 

रुपये ने बीते साल डॉलर की तुलना में 5.96 फीसदी की मजबूती दर्ज की थी, जो अब 2018 की शुरुआत से लगातार कमजोर हो रहा है। इस साल अभी तक रुपया लगभग 7 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। 

 

रुपए की गिरावट पर सरकार के दखल की उम्मीद

 

उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि रुपए में और गिरावट नहीं हो ये सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय को मिलकर काम करना चाहिए। एसोचैम ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और रुपये के मूल्य में और गिरावट से देश को "आयात से उपजी मुद्रास्फीति" का सामना करना पड़ सकता है। एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, हमें मालूम है कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय को वृहद आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए उथल-पुथल के हर मौके पर साथ काम करना चाहिए।

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