JP बिल्डर्स डूबती है तो डूब जाए, लेकिन 2000 करोड़ जमा कराए : सुप्रीम कोर्ट

JP बिल्डर्स डूबती है तो डूब जाए, लेकिन 2000 करोड़ जमा कराए : सुप्रीम कोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-11 15:34 GMT
JP बिल्डर्स डूबती है तो डूब जाए, लेकिन 2000 करोड़ जमा कराए : सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी बिल्डर्स को 27 अक्टूबर तक 2000 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया है। दिवालिया घोषित होने की फिराक में चल रही कंपनी पर सुप्रीम कोर्ट की यह फटकार उन खरीददारों के लिए राहत की खबर है, जिन्होंने जेपी इंफ्राटेक ग्रुप में फ्लैट लिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि कंपनी बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए, हमें घर खरीदारों की चिंता है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के एमडी सहित सभी निदेशकों के विदेश जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 नवंबर को होगी।

गौरतलब है कि जेपी इन्फ्राटेक के फ्लैट खरीदारों और देनदारों ने कंपनी के दिवालिया घोषित किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि कंपनी के दिवालिया घोषित हो जाने से उन्हें उनका जायज हक़ हासिल नहीं हो पाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल द्वारा गठित संस्था आईआरपी को जेपी इंफ्राटेक के प्रबंधन की जिम्मेदारी लेने के आदेश दिए हैं। साथ ही 45 दिनों के भीतर ही सारे फ्लैट खरीदारों और देनदारों को समाधान योजना सौंपने को भी कहा है। जनहित याचिका पर तीन सदस्यीय बेंच ने जेपी इंफ्राटेक और अन्य को नोटिस भी जारी किए थे। आपको बता दें कि जेपी पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है। अकेले आईडीबीआई बैंक का ही 4 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। 

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