लॉकडाउन में बीच रास्ते फंसे ट्रक ड्राइवर, अनलोडिंग का इंतजार (लीड-1)

लॉकडाउन में बीच रास्ते फंसे ट्रक ड्राइवर, अनलोडिंग का इंतजार (लीड-1)

IANS News
Update: 2020-04-09 15:30 GMT
लॉकडाउन में बीच रास्ते फंसे ट्रक ड्राइवर, अनलोडिंग का इंतजार (लीड-1)

नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोना के कहर पर लगाम कसने के इरादे से देशभर में किए गए लॉकडाउन के कारण अनेक ट्रक ड्राइवर बीच रास्ते में फंस गए हैं और जो गंतव्य तक पहुंचे हैं, उनको भी अनलोडिंग अर्थात ट्रक में लदा माल उतारने का इंतजार करना पड़ रहा है। बीच रास्ते में फंसे ट्रक ड्राइवरों के लिए खाने-पीने की समस्या भी पैदा हो गई है।

हल्दी से भरा ट्रक लेकर हैदराबाद से आया एक ट्रक ड्राइवर बीते पांच दिनों से दिल्ली के कोंडली बॉर्डर पर फंसा हुआ है। ड्रावइर ने बताया कि ट्रक खराब होने के कारण वह फंसा हुआ है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण कोई मिस्त्री नहीं मिल रहा है।

इसी प्रकार, आगरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 पर कई ट्रक खड़े हैं। एक ड्राइवर ने बताया कि उसको वहां खाने को भी कुछ नहीं मिल रहा है।

यह समस्या सिर्फ रास्ते में फंसे ट्रक ड्राइवरों की ही नहीं है, बल्कि जो गंतव्य तब पहुंच चुके हैं, उनको भी ऐसी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके ट्रक की अनलोडिंग नहीं हो रही है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी नवीन कुमार गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि लॉकडॉउन की घोषणा के बाद ट्रक ड्राइवरों के सामने काफी बड़ी समस्या खड़ी हो गई, क्योंकि जो ट्रक जहां था, उसको वहीं रोक दिया गया। लेकिन बाद में जब सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ गैर आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की इजाजत दी तब ट्रक ड्राइवरों को बड़ी राहत मिली और उनके लिए गंतव्य तक पहुंचने की राह खुल गई।

गुप्ता ने कहा, लॉकडाउन के बाद शुरूआत में ड्रावर के लिए खाने की समस्या भी पैदा हो गई क्योंकि ढाबे सारे बंद हो गए, लेकिन जब सरकार ने जब आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की अनुमति का आदेश आया तो गाड़ियां अपने गंतव्य की ओर बढ़ने लगी।

उन्होंने बताया कि ट्रक ड्राइवरों ने बहरहाल चार रास्ते अपनाए हैं। कुछ ड्राइवरों ने पार्किं ग में अपनी गाड़ी खड़ी कर दी या कुछ ट्रांसपोर्ट नगर जा चुके हैं, जबकि कुछ ड्राइवर गाड़ी लेकर अपने घर लौट गए हैं और जो गंतव्य तक पहुंच चुके हैं, वे भी अनलोडिंग का इंतजार कर रहे हैं।

नवीन गुप्ता ने बताया कि फैक्टरियों में काम नहीं हो रहा है, इसलिए अनलोडिंग नहीं हो रही है। उन्होंने बताया, गुजरात के बनासकांठा में फैक्टरियों के पास 300-350 ट्रक खड़े हैं, क्योंकि उनमें लदा माल नहीं उतारा जा रहा है। जहां ट्रक ड्राइवरों के सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई थी, जिसका समाधान स्थानीय प्रशासन से बातचीत करके करवाया गया है।

गुप्ता ने बताया कि हरियाणा के फरीदाबाद स्थित फैक्टरियों में और उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित मॉर्डन कोच फैक्टरी में माल लदे ट्रक खड़े हैं।

नवीन गुप्ता ने बताया कि बहरहाल महज छह से सात फीसदी ट्रक परिचालन में हैं। बाकी 93 फीसदी परिचालन से बाहर हैं। ट्रकों के परिचालन में कमी की एक वजह यह भी है कि अनेक ट्रक ड्राइवर अपने घर लौट चुके हैं।

उन्होंने कहा कि फैक्टरियां बंद होने के कारण आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लिए जिन ट्रकों को लगाया जा रहा है, उनको एक तरफ से खाली ही लौटना पड़ रहा है, जिससे ट्रांसपोर्टर को घाटा होता है।

-- आईएएनएस

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