एयर इंडिया के पायलटों ने मैनेजमेंट से पूछा- क्या हमारी एयरलाइन सेफ है?

एयर इंडिया के पायलटों ने मैनेजमेंट से पूछा- क्या हमारी एयरलाइन सेफ है?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-10 12:25 GMT
एयर इंडिया के पायलटों ने मैनेजमेंट से पूछा- क्या हमारी एयरलाइन सेफ है?
हाईलाइट
  • इसे लेकर उन्होंने कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर को लेटर लिखा है।
  • एयर इंडिया के पायलटों को इस बात का डर सता रहा है कि उनकी एयरलाइन सुरक्षित है या नहीं?
  • पायलट्स एसोसिएशन ने मैनेजमेंट से पूछा कि क्या उनके पास जरूरी और रेग्युलर मेंटनेंस के लिए पर्याप्त राशि मौजूद है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एयर इंडिया के पायलटों को इस बात का डर सता रहा है कि उनकी एयरलाइन सुरक्षित है या नहीं? इसे लेकर उन्होंने कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर को लेटर लिखा है। दरअसल एयर इंडिया के आर्थिक हालात ठीक नहीं है और उसने अपने कर्मचारियों को जुलाई महीने की सैलरी तक नहीं दी है। ऐसे में एयर इंडिया के पायलटों के संगठन, इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने मैनेजमेंट से पूछा कि क्या उनके पास जरूरी और रेग्युलर मेंटनेंस के लिए पर्याप्त राशि मौजूद है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि भारत सरकार कई दिनों से एयर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने का प्रयास कर रही है लेकिन अब तक उसे खरीददार नहीं मिला है।

आर्थिक संकट से गुजर रही कंपनी
एयर इंडिया के पायलटों ने ये सवाल निजी एयरलाइन जेट एयरवेज के वित्तीय नतीजे टालने के दूसरे दिन पूछा है। दरअसल एयर इंडिया और जेट एयरवेज की देश से बाहर की हवाई यात्राओं में 30.5 फीसदी की हिस्सेदारी है। घरेलू हवाई मार्केट में भी दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी 28 फीसदी है। फिलहाल दोनों ही कंपनियां गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही हैं। पायलटों समेत एयर इंडिया के हजारों कर्मचारियों को अब तक जुलाई महीने की सैलरी नहीं मिली है और उन्हें यह भी नहीं बताया गया है कि कब तक मिल पाएगी।

और क्या लिखा है लेटर में?
ये बेहद निराशाजनक है कि लगातार 5वें महीने सैलरी लेट हुई है। आश्वासन के बाद भी मैनेजमेंट ये बताने में असफल रहा है कि कर्मचारियों को सैलरी और फ्लाइंग अलाउंस कब तक मिलेगा। लेटर में लिखा है कि वित्तीय अनिश्चितता निराशा, चिंता और तनाव का स्रोत है। इसका असर कर्मचारियों के पर्फॉर्मेंस पर पड़ रहा है। वह अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। फ्लाइट की सुरक्षा के लिए भी ये ठीक नहीं है। यह निश्चित रूप से किसी भी संगठन के लिए अच्छा नहीं है, खासकर एक एयरलाइन कंपनी के लिए।   

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