कार्यशील पूंजी ऋण 2 दिनों में दोगुना हुआ : निर्मला
कार्यशील पूंजी ऋण 2 दिनों में दोगुना हुआ : निर्मला
नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बैंक यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि मौजूदा कोरोनावायरस स्थिति से व्यवसायों के लिए तरलता (नकदी) संकट पैदा न हो।
इससे एक दिन पहले ही वित्तमंत्री ने यह आश्वासन दिया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था उबरने की ओर अग्रसर है। दरअसल, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च-अप्रैल के दौरान 5.66 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं और राष्ट्रव्यापी बंद खत्म हो जाने के तुरंत बाद इनका वितरण शुरू हो जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़नी की बात कही गई है।
सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट किया, पीएसबी ने 20 मार्च से छह मई के बीच आपातकालीन ऋण और कार्यशील पूंजी (वर्किं ग कैपिटल) संवर्धन के लिए पात्र 95 प्रतिशत से अधिक उधारकर्ताओं से संपर्क किया। स्वीकृत राशि दो दिन पहले की तुलना में दोगुनी से अधिक 54,544 करोड़ रुपये हो गई और मामलों की संख्या तीन गुना से अधिक हो गई है।
वहीं शुक्रवार को वित्तमंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया था कि राज्य द्वारा संचालित बैंकों ने पिछले दो महीनों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), खुदरा, कृषि और कॉर्पोरेट क्षेत्रों से संबंधित लगभग 42 लाख खाताधारकों को 5.66 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था उबरने की राह पर है।
सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि वर्तमान कोरोनावायरस महामारी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ने से रोका जाए। सरकार चाहती है कि निवेश न रुके और बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पात्र उधारकर्ताओं को पर्याप्त धनराशि मिले।
भारत ने कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए पहले चरण में 21 दिनों के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया। बाद में इसे दो बार बढ़ाया गया और अब यह 17 मई तक प्रभावी है।