नागपुर खंडपीठ: अकोला पश्चिम विधानसभा सीट पर नहीं होगा उपचुनाव, रद्द हुई EC की अधिसूचना

  • रद्द हुई EC की अधिसूचना
  • अकोला पश्चिम विधानसभा सीट
  • नागपुर खंडपीठ का बड़ा फैसला

Tejinder Singh
Update: 2024-03-26 14:29 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 26 अप्रैल को अकोला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। चुनाव आयोग की उपचुनाव कराने के लिए जारी अधिसूचना मंगलवार को रद्द की गई। न्यायमूर्ति अनिल किल्लोर और एमएस जावलकर की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि विधानसभा क्षेत्र में कोई उपचुनाव नहीं होगा। इसके खिलाफ अदालत में याचिका लगाई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए बेंच ने यह निर्णय दिया।

बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता अनिल दुबे ने अकोला पश्चिम उपचुनाव को लेकर अदालत में चुनौती दी थी। जिसमें दावा किया गया था कि कानून में प्रावधान है कि जब मुख्य चुनाव में एक साल से कम समय रह जाए, तो उपचुनाव नहीं कराया जा सकता। अब जबकि विधानसभा चुनाव सिर्फ पांच-छह महीने दूर है, ऐसे में पश्चिम में उपचुनाव की क्या जरूरत है? इससे कराकर मतदाताओं पर बोझ डाला जा रहा है।

व्यवस्थाओं पर अनावश्यक बोझ डालने का हवाला दिया गया है। एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी चंद्रपुर, पुणे लोकसभा उपचुनाव नहीं हुए। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि अकोला में चुनाव करा सीधे पैसे की बर्बादी की जा रही है।

इन दलीलों को ध्यान रखते हुए कोर्ट ने अकोला (पश्चिम) उपचुनाव अधिसूचना रद्द करने का फैसला दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जगविजय सिंह गांधी ने बहस की थी। तो वहीं चुनाव आयोग की ओर से वकील श्रीकांत धरस्कर और राज्य सरकार की ओर से वकील देवेन्द्र चव्हाण ने पक्ष रखा था।


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