सांसद बोंडे ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा: औषधि वनस्पति पिंपरी को मौसम पर आधारित सुरक्षा कवच प्रदान करें

अंजनगांव सुर्जी में ढाई हेक्टेयर में की जाती है फसल

Anita Peddulwar
Update: 2023-12-07 10:17 GMT

डिजिटल डेस्क, अमरावती । अमरावती जिले की अंजनगांव सुर्जी तहसील में बड़ी मात्रा में औषधि वनस्पति पिंपरी की फसल की जाती है। पिंपरी का उत्पादन साल में एक बार जनवरी माह में होता है। पिछले वर्ष हुई बेमौसम बारिश में अंजनगांव सुर्जी तहसील में पिंपरी की पत्तियां काटकर रखी गई थीं। जो बारिश में गीली हो गईं। जिससे पिंपरी उत्पादक किसानों का भारी नुकसान हुआ। इस क्षेत्र में इस औषधि वनस्पति को गीली होने के बाद तत्काल सुखाने के लिए सोलर ट्रायल मशीन नहीं है। इस कारण किसानों का भारी नुकसान होता है। इस कारण पिंपरी की फसल को मौसम पर आधारित फसल बीमा में शामिल करने की मांग का मुद्दा सांसद अनिल बोंडे ने राज्यसभा में उठाया।

पिठासीन उपसभापति हरिवंश के सामने सांसद बोंडे द्वारा  अमरावती जिले की अंजनगांव सुर्जी तहसील में होने वाली पिंपरी उत्पादक किसानों की समस्या का मुद्दा प्रखरता से उठाया। उन्होंने कहा कि पिंपरी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में समूचे देश में किया जाता है। जनवरी माह में हेटा और पांधरा के साथ पिंपरी की फसल ली जाती है। अंजनगांव सुर्जी तहसील में आमतौर पर डेढ़ से ढाई हेक्टेयर में पिंपरी की फसल की जाती है। बेमाैसम बारिश में कटी हुई पिंपरी गीली होने से उस पर फंगस आ जाते है और यह औषधि वनस्पति फंगस आने के बाद किसी काम की नहीं रहती। पिंपरी को यंत्रों की सहायता से सुखाया गया तो किसानों को नुकसान से बचाया जा सकता है। किंतु सौर ऊर्जा से आधारित मशीन की यहां व्यवस्था नहीं है। नुकसान से बचाने के लिए मौसम पर आधारित फसल बीमा योजना में पिंपरी को शामिल करना चाहिए। 

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