एमपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर बनीं मंत्रालयीन सहायक

ग्रामीण क्षेत्र की कन्या की मेहनत रंग लाई

Anita Peddulwar
Update: 2023-08-24 12:17 GMT

डिजिटल डेस्क, एटापल्ली (गड़चिरोली)। कहते हैं, कड़ी मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस कहावत को चरितार्थ किया है तहसील के नक्सलग्रस्त बिडरी गांव की किसान कन्या अश्विनी अशोक दोनारकर ने। घर की माली हालत काफी कमजोर होने के बाद भी सरकारी नौकरी पाने की मन में इच्छा रख अश्विनी ने अपने सपने को साकार कर दिया है। एमपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए अश्विनी ने मंत्रालयीन सहायक पद पर नौकरी हासिल की है। अश्विनी के पिता अशोक किसान हैं। अश्विनी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही पूर्ण की। जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा के लिए उसने बिडरी से 3 किमी दूर येमली की हाईस्कूल में दाखिला लिया। बिडरी से येमली तक पहुंचने कोई वाहन उपलब्ध नहीं होने से अश्विनी ने अपनी माध्यमिक शिक्षा पैदल ही सफर करते हुए पूर्ण की। महाविद्यालयीन और बीएससी की शिक्षा गड़चिरोली के शासकीय छात्रावास में पूरी की। वर्ष 2021 में दौरान अश्विनी ने एमपीएससी की परीक्षा के लिए आवेदन किया था। अगस्त 2022 में यह पूर्ण हुई। 11 लड़कियों की आरक्षित सीट के लिए कुल 107 लड़कियों ने परीक्षा दी जिसमें कम्प्यूटर समेत अंगरेजी कौशल्य में अश्विनी ने 119 अंक प्राप्त किए। अंतिम कौशल जांच में अश्विनी ने राज्य में अनुसूचित जाति प्रवर्ग से द्वितीय स्थान प्राप्त किया। राज्य सरकार ने उसे मंत्रालयीन सहायक पद पर नियुक्त किया है। हाल ही में राज्य सरकार की ओर से अश्विनी को नियुक्ति का आदेश मिला है। वह जल्द ही मुंबई पहुंचकर राज्य की सरकारी सेवा में शामिल होगी।

परिस्थिति बदलने शिक्षा जरूरी

जिले के ग्रामीण क्षेत्र में आज भी सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा लेने के लिए विद्यार्थियों को पैदल ही सफर करना पड़ रहा है। लेकिन परिस्थिति को बदलने के लिए शिक्षा ही एकमात्र साधन है। मेरी सफलता के पीछे शिक्षकों के साथ माता-पिता और बहन का मार्गदर्शन काफी लाभदायक साबित हुआ है। शिक्षा से ही प्रगति संभव है। -अश्विनी दोनारकर, बिडरी

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