जबलपुर: मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में धरने पर बैठे अभाविप के कार्यकर्ता

  • जानबूझकर फेल किए 41 छात्र-छात्राएँ
  • प्रदर्शन को देखते हुए कुलपति द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया है कि परीक्षा परिणाम फिर से घोषित किया जाएगा
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने माेर्चा खोल दिया

Safal Upadhyay
Update: 2024-04-26 11:43 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। थ्योरी एग्जाम में डिस्टिंक्शन और स्वर्णपदक हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं के प्रैक्टिकल एग्जाम में फेल हो जाने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने माेर्चा खोल दिया है।

गुरुवार को मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में मामले को लेकर कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और विवि द्वारा फिर से एग्जाम कराने जाने के निर्णय का विरोध किया और परिणाम में सुधार करने की माँग रखी।

पदाधिकारियों का आरोप है कि लिपिकीय त्रुटि के चलते छात्र-छात्राएँ फेल हुए हैं। पदाधिकारियों ने बताया कि इंदौर के एक काॅलेज में 10 से 15 मार्च, 2024 के बीच जनरल सर्जरी और ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग की एमबीबीएस अंतिम वर्ष की प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित की गई थी।

इसके 27 मार्च को घोषित किए गए परिणाम में 41 छात्र-छात्राएँ फेल हैं।

आश्चर्यजनक बात यह है प्रैक्टिकल परीक्षा में उन छात्र-छात्राओं को भी फेल किया गया है जिन्हें थ्योरी एग्जाम में डिस्टिंक्शन और स्वर्णपदक प्राप्त हुआ है। प्रदर्शन को देखते हुए कुलपति द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया है कि परीक्षा परिणाम फिर से घोषित किया जाएगा, इसके बाद धरना खत्म हुआ।

इस मौके पर माखन शर्मा, अनमोल मिश्रा, आर्यन पुंज, रोहित पांडेय, शोभित मिश्रा, देवांश अवस्थी, प्रफुल्ल तिवारी, मयूरदत्त मौजूद रहे।

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