जबलपुर: नर्मदा तटों पर उमड़ रही भीड़, सफाई और पार्किंग की व्यवस्थाएँ चरमराईं

  • वैशाख महीने में स्नान के साथ तैराकी के लिए सुबह से शाम तक बड़ी संख्या में पहुँच रहे लोग
  • निगम व पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए निर्धारित स्थलों पर वाहन पार्क करके तटों तक पैदल जाना चाहिए जिससे स्थितियाँ सुधरेंगी।
  • रात 8 से 11 बजे के बीच हर पाँच मिनट में जाम लगना आम बात रहती है।

Safal Upadhyay
Update: 2024-05-06 09:39 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। वैशाख मास में नर्मदा पूजन का बड़ा महत्व है, इसके साथ स्कूलों की छुट्टियाँ और भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए जिले के सभी नर्मदा के तटों पर दर्शन और तैराकी के लिए सुबह से शाम तक भीड़ उमड़ रही है।

अनुमान के मुताबिक तिलवारा, लम्हेटाघाट, भेड़ाघाट, भटाैली समेत अन्य घाटों में प्रतिदिन लाखों लोग पहुँच रहे हैं लेकिन शहर के सबसे समीप होने की वजह से गौरीघाट के उमाघाट, जिलहरी, सिद्धघाट, खारीघाट समेत अन्य सभी घाटों पर सुबह से शाम तक मेला लगा रहता है।

ऐसे में साफ-सफाई और पार्किंग की व्यवस्थाएँ चरमरा गई हैं। हालांकि नगर निगम द्वारा देर रात से अलसुबह तक सफाई कार्य किया जाता है। वहीं ग्वारीघाट पुलिस पार्किंग और सुरक्षा को लेकर सजग रहने का दावा कर रही है लेकिन ज्यादा भीड़ होने के कारण इसमें और सुधार की जरूरत है।

शाम होते ही ज्यादा दिक्कत

वैसे तो नर्मदा तटों पर सुबह 4-5 बजे से ही दर्शनार्थी और तैराकी के लिए लोग पहुँचने लगते हैं। तेज धूप होने के कारण दोपहर में कम लोग रहते हैं लेकिन शाम 6 बजे के बाद अचानक भीड़ बढ़ने लगती है और 7 के बाद नर्मदा आरती शुरू होने तक यहाँ की व्यवस्थाएँ आउट ऑफ कंट्रोल होने लगती हैं।

रात 8 से 11 बजे के बीच हर पाँच मिनट में जाम लगना आम बात रहती है।

लोग होंगे जागरूक तभी सुधरेंगी यहाँ व्यवस्थाएँ

तिलवारा, लम्हेटाघाट, भेड़ाघाट समेत दूरदराज के नर्मदा तटों पर पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह है, लेकिन गौरीघाट में पार्किंग की जगह तो है, लेकिन लोग सीधे घाट तक कार व दोपहिया वाहन ले जाने की होड़ में लगे रहते हैं, जिसके कारण व्यवस्थाएँ बिगड़ रही हैं, इसलिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा और निगम व पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए निर्धारित स्थलों पर वाहन पार्क करके तटों तक पैदल जाना चाहिए जिससे स्थितियाँ सुधरेंगी।

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