जबलपुर: डिग्री इलेक्ट्रोपैथी की और इलाज हो रहा था एलोपैथी का, नर्सिंग होम सील

  • दल ने बरौदा पनागर में की कार्यवाही, ऑपरेशन थिएटर में उपयोग होने वाले उपकरण भी मिले
  • नर्सिंग होम में भर्ती एक महिला मरीज को एलामीन का इंजेक्शन बॉटल से लगाया जा रहा था।
  • तहसीलदार ने बताया कि जाँच के दौरान नर्सिंग होम की संचालिका भी मौजूद रही।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-24 14:23 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। ग्रामीण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने पर जिला प्रशासन के दल ने गुरुवार को बरौदा में कार्रवाई करते हुए एक नर्सिंग होम को सील कर दिया है। नर्सिंग होम की संचालिका के पास इलेक्ट्रो होम्योपैथी की डिग्री थी जबकि उपचार एलोपैथी में किया जा रहा था।

यहाँ कुछ मरीज भी भर्ती मिले जो पहले भी नर्सिंग होम में इलाज करा चुके थे। सबसे चौंकाने वाली बात है कि यहा ऑपरेशन में उपयोग किए जाने वाले कुछ उपकरण भी मिले जिन्हें देखकर प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। यही कारण था कि नर्सिंग होम को तत्काल सील कर दिया गया।

व्यावसायिक इकाइयों से नियमों का पालन कराने कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह द्वारा गठित जाँच दलों की कार्यवाही चौथे दिन भी जारी रही। जाँच के तय रोस्टर के मुताबिक गुरुवार को एसडीएम जबलपुर के नेतृत्व में गठित दल ने पनागर के समीप ग्राम बरौदा स्थित तीन मंजिला भवन में संचालित एक निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया और बिना पंजीयन एवं बिना लायसेंस के संचालित पाए जाने पर इसे सील कर दिया।

तहसीलदार पनागर विकास चंद जैन ने बताया कि इस नर्सिंग होम का संचालन स्टार सिटी कटंगी बाईपास निवासी श्रीमती संध्या पांडे द्वारा किया जा रहा था। उनके पास इलेक्ट्रो होम्योपैथी की डिग्री थी लेकिन नर्सिंग होम में एलोपैथी में इलाज किया जा रहा था।

इसके प्रमाण के तौर पर यहाँ एलोपैथी की कई दवाइयाँ और इंजेक्शन भी पाए गए। जाँच-दल ने नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों से बात भी की। यहाँ दो पलंग युक्त दो कमरे भी पाए गए। इस नर्सिंग होम में भर्ती एक महिला मरीज को एलामीन का इंजेक्शन बॉटल से लगाया जा रहा था।

हल्के नाम के एक अन्य मरीज ने भी जाँच-दल को बताया कि वो इस नर्सिंग होम में पूर्व में भी इलाज करा चुका है और उसे इंजेक्शन और दवाएँ दी गई थीं।

नर्स भी बिना अनुभव वाली

तहसीलदार श्री जैन ने बताया कि नर्सिंग होम की संचालिका ने खजरी निवासी प्रभा यादव को भी सहयोग के लिए रखा हुआ था जो कि मरीजों को इंजेक्शन लगाने और बॉटल लगाने का काम करती थी।

इसके पास भी कोई वैध डिग्री नहीं पाई गई। तहसीलदार पनागर ने बताया कि नर्सिंग होम के ऊपर की मंजिल पर ऑपरेशन में प्रयुक्त किए जाने वाले उपकरण भी रखे पाए गए। हालाँकि ऑपरेशन थिएटर संचालित किए जाने के कोई प्रमाण नहीं मिले। तहसीलदार ने बताया कि जाँच के दौरान नर्सिंग होम की संचालिका भी मौजूद रही।

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