जबलपुर: साइबर ठगों तक पहुँचने में नाकाम पुलिस, जाँच का दायरा सीमित

  • शहर में नहीं थम रहा ऑनलाइन जालसाजी का दौर
  • शिकायतों के बावजूद आवेदक मायूस
  • ठगी के मामलों में आरोपी को पकड़ने के लिए साइबर सेल व थाना पुलिस लगातार इन्वेस्टिगेशन में जुटी रहती है।

Safal Upadhyay
Update: 2024-03-29 11:55 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। देश के विभिन्न राज्यों में बैठे जालसाजों द्वारा लगातार ऑनलाइन ठगी की वारदातें की जा रही हैं। इन ठगों तक पहुँचने में पुलिस नाकाम रहती है, इसकी मुख्य वजह जाँच का दायरा सीमित होना है।

जानकारों के अनुसार हर साल 3 से 4 सौ ठगी के मामले सामने आते हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में साइबर टीम सिर्फ यह पता लगा पाती है कि पैसा किस खाते में भेजा गया और काल करने वाली सिमकार्ड किसके नाम पर है, उन तक पहुँचने में पुलिस नाकाम रहती है और ठग नए शिकार की तलाश में जुट जाते हैं।

केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ठगी

गोसलपुर थाना क्षेत्र निवासी एक किसान के साथ केवाईसी अपडेट करने के नाम पर 36 लाख की ठगी को अंजाम दिया गया। पीड़ित किसान द्वारा इसकी शिकायत की जाने के बाद भी ठगी करने वालों का पता नहीं चल सका और वह पुलिस की पकड़ से दूर है।

पहचान हुई पर नहीं पकड़े गए

जानकारों की मानें तो मदन महल थाना क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित व्यापारी के साथ फूड चेन कम्पनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर 46 लाख 80 हजार रुपए की ठगी कुछ लोगों ने करीब 6 माह पूर्व अंजाम दी थी। प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई थी कि उक्त आरोपी बाहरी लोग हैं।

ऑनलाइन ठगी के मामलों में आरोपी को पकड़ने के लिए साइबर सेल व थाना पुलिस लगातार इन्वेस्टिगेशन में जुटी रहती है। इसी के चलते कई मामलों के आरोपी पकड़े जा चुके हैं, वहीं कुछ चिन्हित मामलों में आरोपियों की पतासाजी के प्रयास जारी हैं।

आदित्य प्रताप सिंह, एसपी

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