जबलपुर: 3 माह पहले भेजी रिपोर्ट, नैक टीम ने नहीं दी तारीख

  • रादुविवि में हो रहा इंतजार, तैयारियों में बरती जा रही ढिलाई कहीं भारी न पड़ जाए
  • निरीक्षण में यदि अच्छे अंक मिलते हैं तो विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ प्राप्त करने की राह खुल जाएगी।
  • विश्वविद्यालय परिसर पर स्वच्छता को लेकर अनदेखी भारी पड़ सकती है।

Safal Upadhyay
Update: 2024-03-28 10:43 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में नैक टीम को बुलाने 3 महीने पहले ही रिपोर्ट भेज दी गई थी, लेकिन अभी तक टीम के आने की कोई तारीख तय नहीं हुई है। विवि में टीम का इंतजार हो रहा है।

विश्वविद्यालय में बार-बार रिहर्सल करने के बाद भी कई खामियाँ ऐसी हैं जो दूर नहीं हो रहीं। वहीं प्रशासन ने भी तैयारियों में ढिलाई देना शुरू कर दिया है। ऐसे में यह लापरवाही कहीं विश्वविद्यालय को भारी न पड़ जाए।

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) टीम का दौरा जिस तरह से तय नहीं हो पा रहा है उसे देखकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन भी हताश है। नैक मूल्यांकन के लिए मार्च में टीम के आने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यह मामला अटक गया।

संभवत: अब अप्रैल के अंत तक इसके आने की संभावना जताई गई है।

इससे विश्वविद्यालय प्रशासन को तैयारियों को पूरा करने के लिए कुछ और वक्त मिल गया है। नैक टीम के सह समन्वयक प्रो. राकेश बाजपेयी ने बताया कि नैक के पास सभी जानकारी पाँच दिसंबर 2023 को भेजी गई थी, लेकिन अभी तक टीम के आने की जानकारी नहीं आ पाई है।

अच्छे अंक खोलेंगे अनुदान की राह

नैक के निरीक्षण में यदि अच्छे अंक मिलते हैं तो विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ प्राप्त करने की राह खुल जाएगी। एक तरह से विश्वविद्यालय फंडिंग प्राप्त करने के लिए मजबूती के साथ अपनी दावेदारी पेश कर सकेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय को ए ग्रेड हासिल करना होगा, तभी वह पीएम उषा फंड के तहत 100 करोड़ के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकेगा।

स्वच्छता पर ध्यान नहीं

विश्वविद्यालय परिसर पर स्वच्छता को लेकर अनदेखी भारी पड़ सकती है। विद्यार्थियों के लिए साफ-सुथरे टॉयलेट नहीं हैं। कई जगह तो दरवाजे नहीं हैं, तो कहीं नल की टोंटी टूटी हैं जिससे पानी लगातार बहता रहता है।

चुनावी आचार संहिता का असर

नैक मूल्यांकन के लिए मार्च में टीम के आने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यह मामला अटक गया है।

संभवत: अब अप्रैल के अंत तक इसके आने की संभावना जताई गई है। इससे विवि प्रशासन को तैयारियों को पूरा करने के लिए कुछ और वक्त मिल गया है।

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