जबलपुर: जनता के टैक्स से तैयार हुआ स्टेडियम फिर वॉकिंग पर क्यों वसूल रहे शुल्क

  • राइट टाउन स्टेडियम का मामला
  • पब्लिक ने उठाया सवाल, कहा- वॉकर्स से नहीं ली जानी चाहिए राशि
  • लोगों को उम्मीद थी कि आम नागरिकों को कम से कम वॉकिंग के लिए नि:शुल्क सुविधा मिलेगी।

Safal Upadhyay
Update: 2024-05-01 08:46 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास जनहित और जनता के उपयोग के लिए किया जाता है। राइट टाउन स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में जनता के द्वारा दिए गए टैक्स से ही सुविधाओं का विस्तार हुआ है। जब जनता का ही पैसा इसमें खर्च हुआ तो मॉर्निंग और ईवनिंग वॉकर्स से शुल्क की वसूली नाजायज है।

यह कहना है उन लोगों का, जो सुबह और शाम के समय वॉकिंग के लिए स्टेडियम में आते हैं। लोगों का कहना है कि वॉकिंग करने वाले व्यक्ति स्टेडियम के किसी भी उपकरण का उपयोग नहीं करते हैं।

ऐसे में उनसे शुल्क लिया जाना अनुचित है। कम से कम वॉकिंग करने वालों को छूट दी जानी चाहिए। वाकिंग करने पहुँचे लोगों ने बताया कि स्मार्ट सिटी ने जब राइट टाउन स्टेडियम को विकसित करने की योजना तैयार की तो लोगों को उम्मीद थी कि आम नागरिकों को कम से कम वॉकिंग के लिए नि:शुल्क सुविधा मिलेगी।

लेकिन जैसे ही स्टेडियम खुला तो वॉकिंग करने वालों का भी शुल्क 1100 रुपए निर्धारित कर दिया गया। लंबी जद्दोजहद के बाद इस शुल्क को 354 रुपए किया गया। इसके बाद से वॉकर्स से शुल्क वसूली का विरोध शुरू हो गया।

लोगों का कहना है कि नागरिकों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार की होती है। स्वस्थ रहने के लिए मॉर्निंग और ईवनिंग वॉक करना जरूरी है। वॉकिंग के लिए सरकार ने नागरिकों से लिए टैक्स से ही स्टेडियम तैयार किया है, स्टेडियम में वॉकिंग के लिए शुल्क क्यों लिया जा रहा है।

पब्लिक ने उठाया सवाल, कहा- वॉकर्स से नहीं ली जानी चाहिए राशि

बच्चों और सीनियर सिटीजन से वसूली जा रही राशि

राइट टाउन स्टेडियम में 10 वर्ष से कम के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले सीनियर सिटीजन से भी शुल्क वसूला जा रहा है। लोगों का कहना है कि हर शासकीय संस्थान में बच्चों और सीनियर सिटीजन को छूट मिलती है, लेकिन यहाँ पर इन्हें भी छूट नहीं दी जा रही है।

स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में वॉकिंग करने वालों से भी शुल्क लेने का निर्णय लिया गया है। यह शुल्क स्टेडियम के रख-रखाव के लिए लिया जा रहा है, ताकि स्टेडियम मेंटेन रह सके।

सत्येन्द्र सिंह, सीईओ, स्मार्ट सिटी

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