जबलपुर: स्तन कैंसर पर गाइडलाइन बनाने डेटा साझा करेंगे देश के टॉप इंस्टीट्यूट इसमें मेडिकल कॉलेज भी शामिल

  • मरीजों की बेहतर चिकित्सा में उतनी ही मदद मिलेगी और बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकेगी।
  • यूरोप-अमेरिका जैसे देशों की गाइडलाइन फॉलो की जा रही हैं
  • नई गाइडलाइन बनाने पर चर्चा की और इसके लिए डेटा साझा करने पर निर्णय लिया

Safal Upadhyay
Update: 2024-05-07 08:57 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कम उम्र में बढ़ रहे स्तन कैंसर के मामले पूरे देश से सामने आ रहे हैं। वर्तमान स्थिति में उपचार के लिए यूरोप-अमेरिका जैसे देशों की गाइडलाइन फॉलो की जा रही हैं, जबकि भारत में स्तन कैंसर के मामले अलग हैं।

इसे लेकर हाल ही में ऑल इंडिया काॅलेबरेटिव ब्रेस्ट कैंसर रिसर्च सोसायटी का गठन हुआ है। इस सोसायटी में एम्स, पीजीआई चंडीगढ़, टाटा कैंसर अस्पताल समेत देश के टॉप 30 इंस्टीट्यूट शामिल हैं, जोकि इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।

बता दें कि इस सोसायटी में पूरे मध्यभारत से नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज को भी जगह मिली है। गत दिवस साेसायटी की बैठक आयोजित हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने भारत में स्तन कैंसर के उपचार के लेकर नई गाइडलाइन बनाने पर चर्चा की और इसके लिए डेटा साझा करने पर निर्णय लिया।

बैठक में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्तन थायरॉइड व एंडोक्राइन कैंसर विशेषज्ञ डॉ. संजय यादव ऑनलाइन शामिल हुए। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर पर स्थानीय स्तर पर जितना ज्यादा रिसर्च होगा यहाँ के मरीजों की बेहतर चिकित्सा में उतनी ही मदद मिलेगी और बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

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