आपत्ति: मनपा स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के पदों पर गैरभाषिक शिक्षकों की नियुक्ति

  • उलेमा वक्फ बोर्ड ने जताई आपत्ति
  • 58 पदों में से सिर्फ 4 पद पर उर्दू माध्यम से पढ़े उम्मीदवारों का चयन
  • गैरभाषिक उम्मीदवारों के चयन पर शिक्षा मंत्री को लिखा खत

Tejinder Singh
Update: 2024-03-18 11:22 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. मनपा के शिक्षा विभाग द्वारा उर्दू भाषा के 58 पदों पर किया गया शिक्षकों का चयन विवादों में घिर गया है। इस चयन पर उलेमा वक्फ बोर्ड ने आपत्ति जताई है। बोर्ड का आरोप है कि इस चयन में उर्दू माध्यम से पढ़े उम्मीदवारों की शिक्षा विभाग ने अनदेखी की है। इस चयन में सिर्फ 7 फीसदी सीटों पर ही उर्दू माध्यम से पढ़े उम्मीदवारों का चयन किया गया। जबकि शेष सीटों पर दूसरे माध्यम से पढ़े उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इसे लेकर उलेमा वक्फ बोर्ड ने राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को भी पत्र लिखा है।

राज्य सरकार के पवित्र पोर्टल पर मनपा शिक्षा विभाग ने विभिन्न माध्यमों के स्कूलों के लिए योग्य शिक्षकों की माध्यमवार चयन सूची जारी की है। इसमें कक्षा छठवीं से दसवीं के लिए उर्दू भाषा के शिक्षकों के 58 पदों के लिए उम्मीदवारों का समावेश है। इन 58 सीटों में से सिर्फ चार सीट पर उर्दू माध्यम से पढ़े उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इस चयन में उर्दू माध्यम से पढ़े उम्मीदवारों की गई अनदेखी को लेकर उलेमा वक्फ बोर्ड ने आपत्ति जताई है।

मानदंडों को रखा गया ताक पर

उलेमा वक्फ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलीम सारंग ने बताया कि इस नियुक्ति में सभी मानदंडों को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग ने मराठी, अंग्रेजी जैसे अन्य माध्यमों के उम्मीदवारों को उर्दू शिक्षक के रूप में चयनित किया है। इसलिए शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।

क्या कहा प्रशासन ने

मनपा शिक्षा विभाग के शिक्षणाधिकारी राजेश कंकाल ने बताया कि चयन नियमानुसार किया गया है। उन्होंने कहा कि उर्दू माध्यम के स्कूलों में सेमी-इंग्लिश के लिए भी शिक्षक होते हैं, जिसमें अन्य भाषा के उम्मीदवारों की ही नियुक्ति की जाती है।

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