बॉम्बे हाईकोर्ट: अदालत के फैसले पर टिका है आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान का राजनीतिक भविष्य

  • रहमान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्त के लिए अदालत से लगाई गुहार
  • केंद्र सरकार और कैट ने रहमान के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग कर दिया है अस्वीकार
  • धुले निर्वाचन क्षेत्र से लड़ना चाहते हैं लोकसभा चुनाव

Tejinder Singh
Update: 2024-04-25 16:15 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुना सकता है। याचिका में केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के उनके स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग को अस्वीकार करने को चुनौती दी गई है। रहमान धुले निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के प्रस्तावित उम्मीदवार हैं। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को लेकर अदालत के फैसले के बाद वह चुनाव लड़ सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को महाराष्ट्र कैडर के 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान की ओर से वकील अरशद शेख और वकील जसीम शेख की दायर याचिका पर सुनवाई हुई।

प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के रहमान को बनाया है उम्मीदवार

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से याचिकाकर्ता (रहमान) को सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति(वीआरएस) देने का अनुरोध किया था। केंद्र सरकार ने रहमान को वीआरएस देने से इनकार कर दिया। केंद्र सरकार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए लंबित अनुशासनात्मक मामलों का कारण बताया है। जबकि रहमान को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। उनके खिलाफ कोई आरोप पत्र लंबित नहीं है। खंडपीठ के समक्ष सुनवाई जारी है। शुक्रवार को अदालत अपना फैसला सुना सकता है।

2019 में केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) लागू किए जाने के बाद रहमान ने राज्य सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। सरकार ने उनके सशर्त इस्तीफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग की जांच शाखा में महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर कार्यरत रहमान ने दिसंबर 2019 में ड्यूटी पर जाना बंद कर दिया।

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