बॉम्बे हाईकोर्ट: 4 मराठा व्यक्तियों की याचिका की खारिज, नियुक्तियों को लेकर गरीबी कोटा के तहत नौकरी की मांग

  • न्यायिक नौकरियों में नियुक्तियों का मामला
  • गरीबों के लिए कोटा के तहत नौकरी की मांग

Tejinder Singh
Update: 2024-02-21 15:34 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 4 मराठा व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिका में न्यायिक नौकरियों में नियुक्तियों को लेकर गरीबों के लिए कोटा के तहत नौकरी की मांग की गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि न्यायिक सेवाओं में पदों के लिए उनके आवेदन महाराष्ट्र सरकार द्वारा खारिज किए जाने के बाद उन्हें(मराठा व्यक्ति)अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ा था। न्यायमूर्ति ए.एस.चंदूरकर और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ के समक्ष 4 मराठा व्यक्तियों की ओर से वकील एस.बी.तालेकर और माधवी अय्यप्पन की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने कहा कि ईडब्ल्यूएस की पहचान राज्य द्वारा पारिवारिक आय और आर्थिक नुकसान के अन्य संकेतों के आधार पर की जाती है और यह सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों से अलग है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि ईडब्ल्यूएस और एसईबीसी की पहचान के मानदंड भी अलग-अलग हैं। अदालत ने मराठा व्यक्तियों की याचिकाओं पर विचार नहीं करने के सरकार के फैसले को उचित ठहराया।

याचिका में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा के तहत नियुक्ति की मांग करते हुए महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी एक आदेश का विरोध किया गया था, जिसमें कहा गया है कि सिविल जज, जूनियर डिवीजन और न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी (सीजेजेडी और जेएमएफसी) जैसे न्यायिक पदों पर नियुक्ति पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे नौकरी विज्ञापन में निर्दिष्ट अधिकतम आयु सीमा से अधिक हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें इस आधार पर आयु सीमा में छूट देने से इनकार कर दिया गया कि वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से हैं, न कि पिछड़े वर्ग से। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) ने 1 फरवरी 2019 को सीजेजेडी और जेएमएफसी पदों के लिए रिक्तियों का विज्ञापन दिया था।

विज्ञापन में उल्लेख किया गया था कि वकील 3 साल के अभ्यास के साथ 35 वर्ष की आयु तक आवेदन कर सकते हैं, जबकि नए ला स्नातकों के लिए आयु सीमा 25 वर्ष थी। हालांकि पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार नियमों के अनुसार वे (ईडब्ल्यूएस) 5 वर्ष तक की छूट के पात्र थे। 12 फरवरी 2019 को राज्य ने ईडब्ल्यूएस पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया था। इसके अतिरिक्त 15 जुलाई 2021 को एक अन्य सरकारी प्रस्ताव में एसईबीसी को ईडब्ल्यूएस में बदलने की अनुमति दी गई।

Tags:    

Similar News