कार्रवाई: बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई , 7 औद्योगिक ग्राहकों से पकड़ी 52 लाख रुपए की बिजली चोरी

  • 4 ने भरा 10 लाख 60 हजार जुर्माना
  • महावितरण के उड़नदस्ते ने की धरपकड़
  • बिजली चोरी पकड़ने के लिए अभियान

Anita Peddulwar
Update: 2024-01-11 07:39 GMT

डिजिटल डेस्क,नागपुर। महावितरण के उड़नदस्ते और लष्करीबाग उपविभाग ने संयुक्त रूप से औद्योगिक ईकाइयों में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान 7 औद्योगिक ग्राहकों के खिलाफ बिजली चोरी के मामले सामने आए। इनके द्वारा करीब 52 लाख 55 हजार रुपए की बिजली चोरी करने का खुलासा हुआ। इसमें से चार ग्राहकों ने बिजली चोरी के 18 लाख 25 हजार 999 और समझौते के तहत 10 लाख 60 हजार जुर्माने की रकम भुगतान की। अन्य के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की जा रही है।

छह प्रकरणों में इनकमिंग केबल को टैप कर मीटर बायपास किया

चार लोगों ने बिजली चोरी के 18.25 लाख और 10.60 लाख रु. जुर्माना भरा : महावितरण के लष्करीबाग उपविभाग अंतर्गत नागपुर शहर और नागपुर ग्रामीण मंडल के उड़नदस्ते व लष्करीबाग उपविभाग के अभियंता और कर्मचारियों द्वारा चलाई गई संयुक्त मुहिम में नारी और कामठी रोड परिसर में सात ग्राहकों से लगभग 3 लाख 14 हजार 753 यूनिट की बिजली चोरी पकड़ी। यह करीब 52 लाख 55 हजार 140 रुपए की चोरी है। इन सभी ग्राहकों के खिलाफ धारा 135 अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया है। इन सात में से छह प्रकरणों में दूसरे ग्राहकों के इनकमिंग केबल को टैप कर मीटर बायपास किया गया था। एक प्रकरण में रिमोट की सहायता से बिजली चोरी गई थी। इन सातों बिजली ग्राहकों से बिजली चोरी के रूप में 52 लाख 55 हजार 140 रुपए सहित समझौते के तहत 20 लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया। चार ग्राहकों ने बिजली चोरी के लिए 18 लाख 25 हजार 999 और समझौते के तहत 10 लाख 60 हजार रुपए जुर्माने का भुगतान किया।

इन्होंने की कार्रवाई : कार्रवाई महावितरण के प्रादेशिक संचालक सुहास रंगारी, मुख्य अभियंता दिलीप दोडके, अधीक्षक अभियंता अमित परांजपे, उपसंचालक (सुरक्षा व अमलबजावणी) सुनील थापेकर, कार्यकारी अभियंता राजेश घाटोले के मार्गदर्शन में अतिरिक्त कार्यकारी हेमेंद्र गौर, श्रीकांत तलेगांवकर, विवेक राऊत व उनकी सहयोगियों ने की। बता दें कि महावितरण समय-समय पर बिजली चोरी पकड़ने के लिए अभियान चलाता है। घरेलू बिजली चोरों की संख्या में हालांकि काफी कमी आई है लेकिन औद्योगिक उपभोक्ताओं पर नकेल कसने के लिए महावितरण अब सख्ती से कदम उठा रहा है।

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