दस्तक से डर: बुटीबोरी व उत्तर उमरेड परिसर में दहशत, उपराजधानी के आस-पास पहुंच चुका है बाघ

  • बुटीबोरी व उत्तर उमरेड परिसर में बाघ की दहशत
  • उमरेड के सिंगोरी गांव में बाघ ने दो मवेशियों का शिकार किया
  • बाघ के देखे जाने की चर्चा जोर पकड़ रही

Tejinder Singh
Update: 2024-01-19 12:39 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बुटीबोरी व उत्तर उमरेड परिसर में बाघ की दहशत बनी है। दो दिन पहले उत्तर उमरेड के सिंगोरी गांव में बाघ ने दो मवेशियों का शिकार किया है। जामठा, झरी, धूरी, खसरमारी, नवरमारी, पंजरी इलाके में भी बाघ के देखे जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है। वन अधिकारियों की ओर से नियमित गश्त बढ़ाई गई है। लोगों से चौकन्ना रहने की अपील की गई है।

4 साल से लगातार मौजूदगी

बुटीबोरी रेंज अंतर्गत सोमवार को एक चरवाहा मवेशियों को चराने ले जा रहा था। झाड़ियों में बाघ को देखते ही वह वहां से भागा और संगीता येसानसुरे, भाऊराव मडावी, सुरेश येसानसुरे को जानकारी दी। 3 महीने पहले पांजरी लोधी इलाके में भी बाघ देखा गया था। इसी तरह खसरमारी गांव से एक किमी दूर जंगल इलाके में एक जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय है। वहां स्कूली छात्रों ने शावकों के साथ बाघ को देखा था। उस बाघ ने गाय के साथ-साथ घरेलू जानवरों का भी शिकार किया था। मिहान में इंफोसिस के पास भी एक बाघ देखा गया था। इससे पहले 9 दिसंबर 2019 को मिहान इलाके में एक बाघ देखा गया था।

परिसर में गश्त बढ़ा दी गई

प्रमोद वाडे, आरएफओ, बुट्टीबोरी वनपरिक्षेत्र नागपुर वन विभाग के मुताबिककैमरे लगाए गए हैं। गश्त भी बढ़ाई गई है। लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है। बुटीबोरी क्षेत्र में बाघ की अभी पुष्टि होने को है।

आपको बता दें महाराष्ट्र का सबसे बड़ा और सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान "ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व" के नाम से भी जाना जाता है। ताडोबा भारत में मौजूद बाघ अभयारण्यों की 47वीं परियोजनाओं में से एक है। यह महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जिले में स्थित है और नागपुर शहर से लगभग 150 किमी दूर है। इस पूरे इलाके में बाघों के विचरण की खबरें आती रहती है। पेंच व्याघ्र प्रकल्प न केवल यहां के, बल्कि बाहरी राज्य के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है। यहां दो क्षेत्र आते हैं, जिसमें ईस्ट पेंच व वेस्ट पेंच शामिल है। ईस्ट पेंच में सिल्लारी, खुर्सापार, पवनी व चोरबाहुली सहित कुल चार गेट आते हैं।



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