कोर्ट कचहरी: हिंदी विश्वविद्यालय के कुलसचिव के विरूद्ध अवमानना पर 11 जून को फैसला

हिंदी विश्वविद्यालय के कुलसचिव के विरूद्ध अवमानना पर 11 जून को फैसला
  • विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों को निष्कासित करने का मामला
  • विवादित कार्रवाई की फाइल जब्त कर ली गई
  • कोर्ट ने दिया थआ स्पष्टीकरण का मौका, संतुष्ट नहीं कर पाए

डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र निरंजन कुमार के निष्कासन पर रोक लगाने के बावजूद विश्वविद्यालय ने उन्हें परिसर में प्रवेश से वंचित कर दिया है। इस संबंध में दायर अवमानना याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने छात्र निरंजन कुमार प्रसाद के खिलाफ विश्वविद्यालय द्वारा की गई विवादित कार्रवाई की फाइल जब्त कर ली गई। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कुलसचिव डॉ. धर्वेश कथेरिया के विरुद्ध न्यायालय की अवमानना ​​की कार्यवाही के संबंध में 11 जून को फैसला सुनाया जाएगा।

यह है पूरा मामला : अगस्त 2023 में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उम्मीद के विपरीत आईआईएम नागपुर के पूर्व निदेशक भीमाराय मेट्री को दो महीने बाद नए वीसी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था। इस निर्णय को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप निरंजन कुमार सहित अन्य छात्रों को निष्कासित कर दिया गया, जिन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान नए वीसी का विरोध करने वाले बैनर प्रदर्शित किए थे। विश्वविद्यालय के इस फैसले के खिलाफ निरंजन कुमार ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस मामले में कोर्ट ने 16 फरवरी को निरंजन कुमार और अन्य छात्र के निष्कासन से संबंधित विश्वविद्यालय के फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय ने छात्रों को परिसर में प्रवेश से वंचित कर दिया है।

स्पष्टीकरण से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ : इस मामले में कोर्ट ने कुलसचिव डॉ. धर्वेश कथेरिया को अवमानना नोटिस जारी की थी। कोर्ट ने 29 अप्रैल को कथेरिया के विरुद्ध में अवमानना दोषारोप तय किया था। इससे पहले कोर्ट ने कथेरिया को स्पष्टीकरण देने का मौका दिया था, लेकिन वह कोर्ट को संतुष्ट करने में विफल रहे। इसलिए पिछली सुनवाई में कथेरिया ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए माफ करने की प्रार्थना की थी। इस मामले में गुरुवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर एड. निहालसिंग राठोड और एड. राहुल वाघमारे ने पैरवी की।

Created On :   10 May 2024 12:41 PM GMT

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