वर्धा में धामनदी सूखने से 11 ग्राम पंचायतों ने जलापूर्ति की बंद

वर्धा में धामनदी सूखने से 11 ग्राम पंचायतों ने जलापूर्ति की बंद

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-17 10:15 GMT
वर्धा में धामनदी सूखने से 11 ग्राम पंचायतों ने जलापूर्ति की बंद

डिजिटल डेस्क, वर्धा । जिले में बारिश नही होने के कारण शहर से सटे 11  ग्रामपंचायत क्षेत्र में 16  जुलाई अनिश्चितकालीन जलापूर्ति बंद कर दिए जाने से लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे  हैं। शहर व आसपास गांवो में महाकाली धाम से जलापूर्ति होती है। मगर महाकाली धाम मे पानी संचय नही होने से महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण से जलापूर्ति बंद करने का निर्णय लिया है।  

उल्लेखनीय है कि  इस वर्ष अत्यल्प बारिश से पूरा महाराष्ट्र सूखा है। बरसात के डेढ़ माह बाद भी नदी नाले तक नहीं भर पाए हैंं। जिस कारण वर्धा को जलापूर्ति करनेवाली धाम नदी पूरी तरह से सूख गई है।  महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण जलव्यवस्थापन उपविभाग ने आदेश निकालकर शहर से सटे पिपरी मेघे, सिंदी मेघे, सावंगी मेघे, बोरगाव मेघे, वायगाव, कारला, आलोडी, साटोडा, म्हसाला, वरूड ग्रामपंचायत की अनिश्चितकाल के लिए जलापूर्ति बंद की है। बता दें कि, इस वर्ष पूरे जिले में  गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा है। बरसात का मौसम शुरू होने के कारण  जल संकट से थोड़ी राहत मिलने की संभावना थी  किन्तु बारिश की बेरूखी के कारण विदर्भ के जलाशय पूरी तरह से सूखे  पड़े  हैं।

बरसात के दिनों मे भी नागरिकों को पानी के लिए भटकना करना पड़ रहा है। किसानों ने अपने खेतों में फसल बोए हैं।  किन्तु बारिश न होने कारण वह फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। किसानों पर दोबारा संकट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मे मौसम विभाग से जिले में 21 जुलाई तक बारिश नही होने की संभावना जताई है। नगर परिषद की ओर से शहर में 10  दिनो के बाद नलों को जलापूर्ति की जा रही है। शहर के कुछ भागों मे टैंकर से जलापूर्ति  की जा रही है। धाम नदी पूरी तरह से सूख गई है। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण जलव्यवस्थापन उपविभाग की ओर प्रादेशिक जलापूर्ति  योजना के अंतर्गत पिपरी मेघे, सिंदी मेघे, बोरगाव मेघे, वायगाव, कारला, आलोडी, साट्टोडा, म्हसाला, वरूड़ आदि ग्रामपंचायत को जलापूर्ति की जा रही थी किंन्तु धाम नदी पूरी तरह से सूखने के कारण अनिश्चितकाल के लिए जलापूर्ति बंद की है। 

बढ़ सकती हैं मुश्किलें

लगभग डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी  दमदार बारिश नही हुई है। किसानों ने जैसे-तैसे  बुआई की है किंन्तु पिछले सप्ताह भर से बारिश नही होने कारण फसल सूखने लगी है। ऐसे मे शहर के साथ साथ गांवों में भी जलकिल्लत की समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है। 

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