ऑटो से मुंबई से बनारस 1200 किलोमीटर का सफर - बाईपास पर ऑटो की लगी लंबी कतारें 

ऑटो से मुंबई से बनारस 1200 किलोमीटर का सफर - बाईपास पर ऑटो की लगी लंबी कतारें 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-13 13:27 GMT
ऑटो से मुंबई से बनारस 1200 किलोमीटर का सफर - बाईपास पर ऑटो की लगी लंबी कतारें 

डिजिटल डेस्क दमोह । मुंबई में फंसी प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोग अपने-अपने शहरों की ओर भाग रहे हैं। हजारों लोग ऑटो रिक्शा में बैठकर अपने शहर की तरफ जा रहे हैं। बाईपास पर ऑटो रिक्शा की लंबी कतारें लगी हुई हैं, लोग बच्चों के साथ भूखे प्यासे घरों की तरफ जा रहे हैं । इनका मकसद सिर्फ घर पहुंचना है । बाईपास पर कुछ लोग खाने की व्यवस्था में जुटे हैं कुछ देर की राहत के बाद भी लोग वापस अपने अपने घरों की ओर निकल पड़ते हैं। एक तस्वीर सागर जबलपुर बाईपास स्थित सागर नाका चौराहे से मारुताल बाईपास की है। ऑटो रिक्शा और ट्रकों में बैठे सभी लोग मुंबई से आ रहे हैं और उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। 50 दिन से लॉक डाउन खुलने का इंतजार करने के बाद अपने घर जा रहे हैं ।कई दिनों तक सफर करने के बाद भी इनका एक ही मकसद है सुरक्षित घर पहुंच जाएं।
 कुछ लोगों को साधन मिल गए कुछ पैदल ही जा रहे हैं
कई दिनों तक परेशान इन मजदूरों को लगा की कब घर पहुंच जाएं और इनका एक ही लक्ष्य घर पहुंचना। ऑटो चालक संतोष कुमार 5 दिन पहले ही मुंबई से पत्नी और बच्चों के साथ करीब 1200 किलोमीटर दूर मिर्जापुर के लिए निकले हैं। संतोष के मुताबिक वह ऑटो रिक्शा चलाता है करीब 45 दिन मुंबई में फंसे रहे। जब खाने पीने का सामान खत्म हो गया तो परिवार सहित रवाना हो गए। इसी तरह  रविंद्र कुमार भी परिवार सहित ऑटो रिक्शा से बच्चों व पत्नी के साथ इलाहाबाद जा रहे हैं। रविंद्र के मुताबिक उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं ।यदि कोई मिला तो रास्ते में  खाना खा लेते हैं।
बाइक से ही निकल पड़े
ऑटो चालकों के साथ साथ सैकड़ों की तादाद में बाइक सवार भी लगातार अपने परिवार के साथ जा रहे हैं इसी संबंध में एक बाइक सवार अशोक ने बताया कि  50 दिनों तक लॉक डाउन  में फंसे रहने के बाद जब गंभीर हो गई और दो-दो रुपए के लिए मोहताज होने लगे तो बाइक से ही परिवार के साथ अपने घर प्रयागराज जा रहे हैं।
 

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