कीटनाशक से नागपुर में 15 किसानों की मौत, पालकमंत्री सहित सरकार से छुपाई जानकारी

कीटनाशक से नागपुर में 15 किसानों की मौत, पालकमंत्री सहित सरकार से छुपाई जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-09 18:04 GMT
कीटनाशक से नागपुर में 15 किसानों की मौत, पालकमंत्री सहित सरकार से छुपाई जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई/नागपुर। विदर्भ में कीटनाशक छिड़काव से मजदूर-किसानों की मौत का मामला गर्मा गया है। जिले में अब तक 15 किसानों की मौत हो चुकी है। जिसकी जानकारी पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को भी नहीं दी गई। जिससे प्रशासन का गैरजिम्मेदाराना रवैया उजागर हुआ। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब पालकमंत्री सोमवार को रविभवन में समीक्षा बैठक ले रहे थे। इस दौरान पता चला कि 18 जुलाई को मामले में पहली मौत दर्ज की गई थी। एक तरफ जहां कृषि विभाग 15 की मौत बता रहा है, तो पुलिस के तहत आंकड़ा महज 9 मौतों का है। जिससे सरकारी विभागों में आपसी तालमेल का खासा अभाव दिखा।

नियमों का पालन नहीं होता

इस मुद्दे पर वसंतराव नाइक शेतकरी स्वावलंबन मिशन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कृषि अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कीटनाशक बिक्री के लिए नियम बने हैं, लेकिन कंपनियों के साथ मिलकर कृषि अधिकारी नियमों का पालन नहीं होने देते हैं। एसे कृषि अधिकारियों के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जानी चाहिए। केंद्र ने राज्यों को कीटनाशक कायदा 1969 और 1971 के इस्तेमाल का अधिकार दिया। लेकिन कृषि और स्वास्थ्य विभाग कीटनाशक छिड़काव के लिए सही मार्गदर्शन नहीं करते।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

यवतमाल जिले में मंजूरी के बिना कीटनाशक बनाने और वितरण करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है। साथ ही लापरवाह सरकारी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर ने सोमवार को सह्याद्री अतिथिगृह में बीटी बीज उत्पादक कंपनियों और कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीज और कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों को सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए काम नहीं करना चाहिए, किसानों के साथ भी जुड़ाव दिखाना चाहिए। जो बड़े पैमाने पर अस्पताल में भर्ती हो रहे थे, उन्हें कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए मार्गदर्शन क्यों नहीं दिया गया।

कीटनाशकों की कीमत पर नियंत्रण के लिए कानून बनेगा

फुंडकर ने कहा कि कीटनाशकों की कीमत पर नियंत्रण के लिए जल्द कानून बनेगा। छिड़काव करने वाले मजदूरों को मुफ्त स्वास्थ्य जांच, सुरक्षा किट, जानकारी दी जानी चाहिए। यवतमाल जिले के 1400 गावों में डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों को कीटनाशकों, रसायनों और उनके इलाज की जानकारी दी जाए। ग्रामपंचायतों, पंचायत समितियों में बोर्ड लगाकर जागरूक किया जाए।

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