22 लाख की सीवरेज पहुंची 12 करोड़ पर, 15 साल बीत गए पर काम अभी भी अधूरा

22 लाख की सीवरेज पहुंची 12 करोड़ पर, 15 साल बीत गए पर काम अभी भी अधूरा

Tejinder Singh
Update: 2018-04-22 10:39 GMT
22 लाख की सीवरेज पहुंची 12 करोड़ पर, 15 साल बीत गए पर काम अभी भी अधूरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पोहरा नदी से लगे शास्त्री ले-आउट में बन रही सीवर लाइन पर सवाल उठने लगे हैं। 15 साल पहले जब यह सीवरेज लाइन बनाने की घोषणा की गई थी, उस समय इसकी लागत मात्र 22 लाख थी। लेकिन 2018 आते-आते इसकी लागत 12 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। फिर भी इसका अभी सिर्फ 80 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है। मनपा द्वारा ठेकेदार कंपनी तापी प्रिस्टेट प्रा. लि. को बकाया 2 करोड़ रुपए भुगतान नहीं करने से कंपनी ने भी काम बंद कर दिया है। विशेष यह कि सीवरेज लाइन का काम करने वाली कंपनी ने बड़े-बड़े गड्ढे खुले छोड़ दिए हैं, जिससे पूरे परिसर में दुर्गंध फैल रही है। दुर्घटनाओं की भी आशंका बढ़ गई है। मनपा और कंपनी के इस रवैये से स्थानीय नागरिक खासे परेशान हैं। 

गंदगी सीधे नाले में पहुंचती है 
त्रिमूर्तिनगर से सहकार नगर घाट के बीच शास्त्री ले-आउट है। यहां वर्षों से सीवरेज लाइन की समस्या है। शास्त्री ले-आउट, रविंद्र ले-आउट, टेलीकॉम नगर, गावंडे ले-आउट में सीवरेज लाइन नहीं होने से इन सभी क्षेत्रों की गंदगी सीधे नाले में पहुंचती है। इस कारण पोहरा नदी बड़े पैमाने प्रदूषित हो रही है। यहां सीवर लाइन बनाने की मांग काफी सालों से मांग चल रही थी। नागरिकों के भारी आक्रोश को देखते हुए मनपा ने उस समय 22 लाख रुपए की लागत से इसे बनाने की घोषणा की थी। इसका भूमिपूजन भी हुआ, लेकिन 2017 तक इसका काम ही शुरू नहीं हो पाया। पता चला कि इसकेलिए 7 बार टेंडर प्रक्रिया की गई, लेकिन 2016 तक किसी ने टेंडर ही नहीं भरा।

आखिरकार 2017 में तापी प्रिस्टेट प्रा. लि कंपनी को यह काम दिया गया। तापी प्रिस्टेट कंपनी ने 8.68 करोड़ में यह काम लिया। 2018 आते-आते अब इसकी लागत 12 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। अब इसने गोसीखुर्द प्रकल्प को भी पीछे छोड़ दिया है। हालांकि मामला अभी भी नहीं सुलझा। मनपा द्वारा बकाया भुगतान नहीं करने से ठेकेदार कंपनी ने मार्च में काम बंद कर दिया है। सीवर लाइन के लिए तैयार किए गए चेंबर बिना ढक्कन लगाए आधे में छोड़ दिए। नागरिकों का दबाव बढ़ने से शनिवार को इस बाबत मनपा ने कंपनी के साथ बैठक कर त्वरित काम शुरू करने के निर्देश दिए। कंपनी ने दावा किया है कि उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है। अगले 2 महीने में काम पूरा कर लिया जाएगा। 

कई तकनीकी समस्या थी 
तापी प्रिस्टेट लि. कंपनी के सुपरवाइजर वासुदेव भोले ने कहा कि सीवरेज लाइन का 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। 20 प्रतिशत काम बचा है। आज से काम शुरू कर दिया है। अगले 2 महीने में काम पूरा कर लिया जाएगा। काम में अनेक तकनीकी दिक्कतें थीं। इसकी वजह से काम में रुकावटें आईं। चेंबर को पुरानी सीवर लाइन क्रास कर रही थी। जलापूर्ति लाइन भी टकरा रही थी। ऐसे में काफी सतर्कता से काम करना पड़ा। फिलहाल मामला सुलझ गया है। जल्द काम पूरा किया जाएगा। 

अनेक समस्याओं से गुजर रहे हैं क्षेत्र के नागरिक 
रविंद्रसिंह खुराना ने बताया कि 15 साल पहले काम की घोषणा की गई। पिछले साल काम शुरू हुआ, लेकिन ठेकेदार आधे में छोड़कर काम चला गया। पाइपलाइन डालकर चेंबर खुले छोड़ दिए हैं। लेकिन सीवर को अभी तक नहीं जोड़ा है। पुरानी लाइन को जोड़ दिया है। क्षेत्र में बदबू फैल रही है। चेंबर बड़े होने रास्ते से लगकर होने से किसी बड़ी दुर्घटना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। 

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