कम नही हो रही श्रमिको की परेशानी -15 दिन भटकने के बाद ट्रक की छत पर बैठ बोनकट्टा पहुंचे बिहार के 36 श्रमिक

कम नही हो रही श्रमिको की परेशानी -15 दिन भटकने के बाद ट्रक की छत पर बैठ बोनकट्टा पहुंचे बिहार के 36 श्रमिक

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-04 10:01 GMT
कम नही हो रही श्रमिको की परेशानी -15 दिन भटकने के बाद ट्रक की छत पर बैठ बोनकट्टा पहुंचे बिहार के 36 श्रमिक

डिजिटल डेस्क बालाघाट । प्रवासी श्रमिको की परेशानी कम होने का नाम नही ले रही है। नागपुर में एक फैक्ट्री में काम करने वाले 36 श्रमिक जो की बिहार और पूर्वी यूपी के रहने वाले है। आज एक ट्रक की छत पर बैठ कर जिले की बोनकट्टा सीमा पर पहुंचे। इन श्रमिको ने नागपुर में घर जाने के लिये 15 दिन तक प्रयास करने के बाद कल मोहझरी के रास्ते पैदल चलना शुरू किया था। जिन्हे आज सुबह एक ट्रक चालक ने अपनी छत पर बैठा लिया। जिसके बाद ये श्रमिक जिले की सीमा पर पहुंचे। जहां पुलिस द्वारा उन्हे ट्रक उतार कर बम्हनी स्थित क्वांरेटाईन सेंटर भेजा गया है। इस संबंध में श्रमिको ने चर्चा में बताया की लॉकडाउन की घोषणा के बाद से नागपुर के जिस प्लांट में वे काम करते थे वह प्लांट बंद था। जिसके बाद कुछ दिनो तक वे लोग अपनी बचत के जरिये अपना काम चलाते रहे। लेकिन इसके बाद जब पैसे खत्म हो गये तो उन्होने वहां से अपने घर जाने का प्रयास किया। जिसके लिये वे निकले भी लेकिन 15 मई को उन्हे पकड़ कर नागपुर के एक कोविड केयर सेंटर में क्वांरेटाईन कर दिया गया।
नहीं मिली मदद कहा अभी 1000 श्रमिक है जाने को 
एक ट्रक की छत पर लदकर किसी तरह जिले की सीमा पर पहुंचे। श्रमिको में एक सुनील कुमार ने बताया की नागपुर से वह लोग पिछले 15 दिनों से निकलने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन वहां स्थानीय प्रशासन द्वारा उन्हे किसी प्रकार की मदद नही की गई। कल जब 15 दिन पूरे होने के बाद उन्होने घर जाने की इच्छा जताई तो उन्हे कहा गया की अभी हजारो श्रमिक जाने के शेष है अपनी बारी का इंतजार करे। जिसके बाद यह श्रमिक मोहझरी के रास्ते पैदल निकल पड़े। रास्ते में एक ट्रक चालक द्वारा उन्हे बैठाया गया। जिसके माध्यम से यह जिले की सीमा में पहुंचे है। स्थानीय प्रशासन ने बताया की इन श्रमिको को फिलहाल बम्हनी में रखा गया है। जहां से बस का प्रबंध कर इन्हे मध्यप्रदेश की उप्र से मिलने वाली सीमा तक छोड़ दिया जायेगा।
 

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