मप्र चुनाव : मैन पावर की कमी के चलते 2500 संविदा कर्मचारियों की ली जा रही मदद

मप्र चुनाव : मैन पावर की कमी के चलते 2500 संविदा कर्मचारियों की ली जा रही मदद

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-08 07:58 GMT
मप्र चुनाव : मैन पावर की कमी के चलते 2500 संविदा कर्मचारियों की ली जा रही मदद

डिजिटल डेस्क कटनी । विधानसभा चुनाव में मैन पावर की कमी को देखते हुए संविदा कर्मचारियों की भी मदद ली जा रही है। चुनाव के लिए प्रशासन को 7700 कर्मियों की आवश्यकता है, जिसमें  3577 ही नियमित कर्मचारी हैं। ऐसे में जिले में पदस्थ 2500 संविदा कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है, ताकि चुनाव में किसी तरह से अमले की कमीं न होने पाए।

आशा और निराशा
चुनाव में डयूटी लगने के बाद संविदा कर्मचारियों में आशा और निराशा दोनों हाथ लगी है। इसके लिए तो पहले कर्मचारियों ने कई तरह के बहाने भी बनाए, लेकिन जब प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि इस बार उन्हें भी चुनाव में ड्यूटी करनी पड़ेगी। इसके बाद जो दबी से विरोध जता रहे थे, वे भी ड्यूटी के लिए पहुंच गए।

देना होगा घोषणा पत्र
विधानसभा चुनाव में मतदान कर्मियों की निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए उनसे डिक्लेरेशन फार्म भरवाया जा रहा है। निर्वाचन में लगे करीब 7700 अधिकारी और कर्मचारी इस बात की लिखित जानकारी देंगे कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से उनका या उनके परिवार के किसी सदस्य का रिश्ता किसी प्रत्याशी से नहीं है। दरअसल निर्वाचन आयोग और प्रशासन को इस बात की शिकायत मिल रही थी कि कहीं-कहीं पर कर्मचारी और अफसर अप्रत्यक्ष रुप से किसी पार्टी को मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं।संविदा कर्मचारियों की भी मदद ली जा रही है।

स्वयं की होगी जिम्मेदारी
चुनावी बिगुल बजने के साथ ही अफसरों को इस बात की शिकायत लगातार भी मिल रही थी कि कहीं-कहीं पर मतदान कर्मी चुनाव को प्रभावित करने का काम कर सकते हैं। शिकायत मिलने पर इन्हें वहां से हटाते हुए अन्य जगहों पर पदस्थ भी किया गया। दोबारा इस तरह का काम कोई शासकीय कर्मचारी न कर सके। जिसके लिए अब कर्मचारियों को ही घोषणा पत्र में इसकी जानकारी देनी होगी कि वे निष्पक्ष मतदान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

 

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