पुलिस अधिकारी को मारी थी गोली, पूर्व जिलाध्यक्ष को 8 साल का सश्रम कारावास

पुलिस अधिकारी को मारी थी गोली, पूर्व जिलाध्यक्ष को 8 साल का सश्रम कारावास

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-01 05:47 GMT
पुलिस अधिकारी को मारी थी गोली, पूर्व जिलाध्यक्ष को 8 साल का सश्रम कारावास

दैनिक भास्कर न्यूज़ डेस्क, अकोला. अकोला के तत्कालीन शहर पुलिस उपाधीक्षक ने दो आरोपियों को अपने वाहन में बैठा लिया था जिसमें से मनसे के पूर्व जिलाध्यक्ष ने अपनी गन से उपाधीक्षक पर फायर कर दिया था। इस घटना में पुलिस कर्मचारी की सतर्कता से पुलिस अधिकारी की जान बच गई थी। पश्चात पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया था।

इस अभियोग की सुनवाई के बाद जिला व सत्र प्रथम श्रेणी न्यायाधीश आर. जी. वाघमारे के न्यायालय ने शुक्रवार को मनसे के पूर्व जिलाध्यक्ष रणजीतसिंह चुंगडे को दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं के तहत 8 साल की सजा तथा 4 हजार 500 रुपए जुर्माना लगाया। दूसरे आरोपी को 6 माह की सजा सुनाई गई है। न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 29 जुलाई 1993 को अकोला शहर के तत्कालीन शहर पुलिस उपाधीक्षक वी.वी लक्ष्मीनारायण गश्त लगा रहे थे। इसी बीच ताजना पेठ चौकी के पास गड़बड़ी होने के कारण उन्होंने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले को शांत किया था।

इसके बाद वे चालक तथा पुलिस कर्मचारी रमेश जंजाल के साथ गश्त लगाते हुए रात करीब 11 बजे के दौरान होटल आशीष पहुंचे थे। उक्त होटल के बंद होने का समय खत्म होने के बावजूद होटल खुला था। जिससे उन्होंने होटल बंद करवाने के लिए पुलिस कर्मचारियों को अंदर भेजा था। होटल के सभी ग्राहकों को बाहर निकालने के बावजूद मनसे के पूर्व जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह चुंगडे अपने सहयोगी बजरंग राजपूत के साथ बैठकर शराब पी रहे थे। पुलिस कर्मी ने उन्हें बाहर निकलने के लिए कहा। किन्तु दोनों आरोपियों ने कर्मचारी के साथ बदसलूकी की।

इस बात की जानकारी पुलिस कर्मचारी ने एसडीपीओ को देने के बाद अधिकारी ने दोनों को पकड़कर सरकारी वाहन में बैठाया। पुलिस अधिकारी के बैठते ही रणजीतसिंह चुंगडे ने अपनी रिवाल्वर से अधिकारी पर फायर कर दिया था। किन्तु कर्मचारी की सतर्कता से एसडीपीओ की जान बच गई थी।

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