पेंशन के इंतजार में 90 मीसाबंदी, राज्य सरकार से अब तक नहीं मिली ग्रांट

पेंशन के इंतजार में 90 मीसाबंदी, राज्य सरकार से अब तक नहीं मिली ग्रांट

Tejinder Singh
Update: 2020-01-07 16:09 GMT
पेंशन के इंतजार में 90 मीसाबंदी, राज्य सरकार से अब तक नहीं मिली ग्रांट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व की फडणवीस सरकार द्वारा शुरू की गई मीसा बंदी पेंशन पर नई सरकार का रुख देखने लायक हो सकता है। जिले में फिलहाल 345 मीसा बंदियों को पेंशन मिल रही है। जिलाधीश कार्यालय ने और 90 मीसा बंदियों की पेंशन को मंजूरी देकर इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा, लेकिन अभी तक इन प्रस्तावों को राज्य सरकार की तरफ से अंतिम मंजूरी नहीं मिल सकी है। राज्य में सरकार बदलते ही मीसा बंदियों के मामलों को देखने का नजरिया बदलने की चर्चा है। पूर्व की फडणवीस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को पेंशन लागू की। एक महीने तक जेल में रहे, लोगों को 5 हजार रुपए महीना व एक महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहे लोगों को 10 हजार रुपए महीना पेंशन लागू की। जिलाधीश की अध्यक्षतावाली कमेटी संबंधित व्यक्ति पेंशन के लिए पात्र है या नहीं इसका निर्णय लेती है। संबंधित नामों की सूची राज्य सरकार को भेजी जाती है। राज्य सरकार की तरफ से संबंधितों को पेंशन दी जाती है। पेंशन सीधे संबंधितों के बैंक खाते में जमा होती है।

इन लोगों को मीसा (मेंटेनंस आफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) बंदी कहा जाता है। मीसा बंदी की मौत होने पर उसकी पत्नी को आधी पेंशन देने का प्रावधान है। फिलहाल जिले में 345 मीसा बंदियों को पेंशन मिल रही है। दिसंबर महीने की पेंशन 1 व 2 जनवरी को संबंधितों के बैंक खाते में जमा हुई। इधर सितंबर 2019 से 4 दिसंबर तक भेजे 90 मीसा बंदियों के प्रस्ताव पेंशन के लिए राज्य सरकार को भेजे गए। कलेक्टर की अध्यक्षतावाली कमेटी ने इन 90 लोगों को पेंशन के लिए पात्र माना है। राज्य सरकार की तरफ से जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है। इन 90 लोगों को पेंशन मिलेगी भी या नहीं यह अभी कह पाना मुश्किल है। मीसा बंदियों में अधिकांश लोग एक गुट से जुड़े हुए है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब देश में आपातकाल लागू किया था, उसका आरएसएस ने मुखर रूप से विरोध किया था। आपातकाल के विरोध में आंदोलन करनेवाले नागपुर समेत विदर्भ के आंदोलनकारियों को पकड़कर नागपुर सेंट्रल जेल में बंद किया गया था। इन 90 मीसा बंदियों को कब तक पेेंशन मिल पाएगी, इसका जवाब जिला प्रशासन के पास भी नहीं है।


नई सरकार कई योजनाओं की कर रही समीक्षा

फडणवीस सरकार जाने के बाद राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार आई। आघाडी सरकार पुराने सरकार की कई योजनाओं व प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रही है। कुछ प्रोजेक्ट को तो रोक दिया गया है। सरकारी तिजोरी खाली है, ऐसे में इस पेंशन योजना की भी समीक्षा हो सकती है।

निवासी उपजिलाधीश रवींद्र खजांजी के मुताबिक जिले में 345 मीसा बंदियों को पेंशन मिल रही है। 90 मीसा बंदियों की पेंशन को जिला प्रशासन ने पेंशन के लिए पात्र माना है। इनका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। सरकार की तरफ से अभी तक इन्हें पेंशन जारी नहीं हो सकी है। यह मुद्दा राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र का है। सरकार से जब भी पेंशन जारी होगी, प्रशासन संबंधितों के बैंक खाते में जमा कर देगा।

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