बाघ की दहशत में 12 गांव, कर रहा मवेशियों का शिकार, तलाश में जुटा वन विभाग का अमला

बाघ की दहशत में 12 गांव, कर रहा मवेशियों का शिकार, तलाश में जुटा वन विभाग का अमला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-24 14:45 GMT
बाघ की दहशत में 12 गांव, कर रहा मवेशियों का शिकार, तलाश में जुटा वन विभाग का अमला

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। जिला मुख्यालय से 12 किमी बालाघाट एवं हट्टा परिक्षेत्र सीमा में लगे हुए लोहार  गांव सहित आसपास के 12 गांवों के लोगे बाघ की दहशत में जीने को मजबूर हैं। हट्टा के परसवाड़ा बीट की लोहारा पहाड़ी में घने जंगल में बाघ की उपस्थिति के संकेत मिलने लोगों में दहशत और भी बढ़ गई है। लोहारा गांव के कृषक परमानंद की गाय को बाघ ने अपना शिकार बनाया है। बाघ होने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला बाघ की तलाश में जुटा हुआ है।

बाघ होने के मिले निशान
वन विभाग को सूचना मिलने पर गाय का पीओआर काटकर की गई जांच में यह स्पष्ट हो रहा है कि उक्त गाय का शिकार बाघ के द्वारा ही किया गया है। जो पंजे के निशान से स्पष्ट हो रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार बाघ को किसी ने देखा नहीं, लेकिन मृत गाय का आधा शरीर खा लिया गया है। दांत के निशान गाय के शरीर पर दिखाई दे रहे हैं, जिससे अनुमान यही लगाया जा रहा है, कि उस गाय का शिकार बाघ ने ही किया है।

लोगों में भय का महौल
यह बाघ है अथवा बाघिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि इस घटना के बाद से लिंगा लोहारा सहित अन्य गांव में लोगों में भय का माहौल है। दूसरी और वन विभाग की टीम लगातार बाघ की खोज कर रही है।

दो दर्जन से अधिक गांवो में दहशत
लिंगा-लोहारा पहाड़ी में परसवाड़ा बीट से लगा हुआ ग्राम लोहारा है, जो मात्र 2 किमी है और आसपास दो दर्जन से भी अधिक गांव लगे हुए है। जो कि वन्य प्राणियों के विचरण क्षेत्र से सटे हुए है जिसको लेकर ग्रामीणजनो में भय बना हुआ है।

बाघ से गांव वालों को खतरा नहीं
हट्टा वन परिक्षेत्र अधिकारी आर. के. यादव का कहना है कि सोमवार को गाय का शिकार बाघ के द्वारा किया जाने की शिकायत मिली है। उक्त वन क्षेत्र घने जंगल में है और गांव से दो किमी है इसलिए बाघ के गांव में आने की कोई संभावनाएं नहीं हैं और ना ही किसी तरह का खतरा ग्रामीणों को है। विभाग के द्वारा जंगल में नियमानुसार वन प्राणियों की उपस्थिति को लेकर परीक्षण कार्य चलता है और संबंधित किसान की गाय शायद जंगल के भीतर चली गई थी, जिससे वह बाघ के हमले की शिकार हुई है जिसका मुआवजा प्रकरण बनाया जा रहा है।

इनका कहना है
जंगल में संभावित रूप से बाघ के द्वारा किसी ग्रामीण के मवेशी के शिकार की शिकायत पूर्व में सुनने में नही आई है। अत: बाघ की उपस्थिति को लेकर परसवाड़ा बीट में कैमरे लगाए जा रहें है ताकि बाघ के विचरण क्षेत्र को कैमरे की निगरानी में रखा जा सके।
अमित पटौदी, एसडीओ वनमंडल बालाघाट

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