मूल्यांकनकर्ता की लापरवाही से छात्रा मेरिट से चूकी,

मूल्यांकनकर्ता की लापरवाही से छात्रा मेरिट से चूकी,

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-05 07:50 GMT
मूल्यांकनकर्ता की लापरवाही से छात्रा मेरिट से चूकी,

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 2017-18 हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में मूल्यांकनकर्ताओं की भारी लापरवाही के चलते कु. रागिनी पिता माधोराव कानतोड़े प्रदेश की मेरिट सूची में शामिल होने से वंचित रह गई। छात्रा शा.उ.मा.वि. बिरसोला की छात्रा है उसने 500 में से 485 अंक प्राप्त किए है, जिसमें से गणित में 100 में से 99 अंक, सामाजिक विज्ञान में 98 अंक, संस्कृत में 97 अंक, अंग्रेजी में 91 अंक तथा हिन्दी में 90 अंक दिए गए थे। छात्रा अपने अंकों से संतुष्ट नहीं थी, जिसको लेकर छात्रा के पालक द्वारा रिटोटलिंग के लिए फार्म भरा गया, लेकिन मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा हिन्दी विषय में 90 अंक दिए।

पालकों द्वारा छात्रा के आत्मविश्वास को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन पुस्तिका बुलाई गई, जिसमें मुल्यांकनकर्ताओं द्वारा टोटल में गलती की गई है, जहां पर उसकी पुस्तिका के अंक जोड़े जाने पर टोटल अंक 94 हो रहे है। यदि यह चार अंक उसका बढ़ जाता तो उसके प्रतिशत भी बढ़ जाते और वह प्रदेश की टॅापटेन सूची में आ जाती। मूल्यांकनकर्ताओं की भारी लापरवाही के चलते छात्रा का मनोबल गिर गया है और छात्रा द्वारा न्याय की गुहार लगाई गई है।

मूल्यांकनकर्ताओं पर की जाए कार्यवाही
माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में बरती गई लापरवाही को लेकर छात्रा के पालकों द्वारा माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से मांग की है कि मूल्यांकन में जिन मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है ऐसे मूल्यांकर्ताओं के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाए तथा छात्रा को न्याय दिया जाए।

इनका कहना है
पुन: मूल्यांकन के परिणाम एवं अंकसूचि आवेदन के साथ प्राप्त होने पर नियमानुसार छात्रा को लाभ दिया जाएगा।
ए.आर. मोहंती, अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल

इस संबंध में छात्रा के पालक द्वारा मुझे जानकारी दी गई है। मेरे द्वारा आवेदन तथा अंकसूची एवं मूल्यांकन पुस्तिका की फोटोकापी मांगी गई है जिसे मै माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को प्रेषित कर दूंगी। इस पर माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा ही मूल्यांकनकर्ताओं को बुलाकर इसमें सुधार किया जाए गा और उन्हीं के द्वारा इन मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्यवाही की जाए गी।
श्रीमती निर्मला पटले, जिला शिक्षा अधिकारी

 

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