'ट्रिपल तलाक' पर ADM का नॉवेल, विरोध में उलेमाओं ने जलाई प्रतियां
'ट्रिपल तलाक' पर ADM का नॉवेल, विरोध में उलेमाओं ने जलाई प्रतियां
डिजिटल डेस्क,भोपाल. मुंबई बम कांड के आरोपी अबू सलेम के साथ जेल में रहकर पुस्तक खिलने की ख्वाहिश रखने वाले ADM के खिलाफ अब ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने मोर्चा खोल दिया है। इसके पीछे का कारण एडीएम नियाज एहमद खान के हाल ही में लिखे गये एक उपन्यास 'तलाक तलाक तलाक' है। उपन्यास के कुछ अंशों को उलेमा बोर्ड ने इस्लाम विरोधी करार देते हुए उपन्यास को प्रतिबंधित कर एडीएम पर कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान उपन्यास की प्रतियां फाड़कर विरोध जताया।
उलमा बोर्ड के चेयरमेन काजी अनस अली नदवीं, नूरउल्लाह युसुफजई तथा दानिश परवेज नदवी ने बताया कि कि पिछले दिनों मुंबई बम कांड के आरोपी अबु सलेम के साथ जेल में रहने की इच्छा व्यक्त करने वाले नियाज पूर्व से ही अलगाववादी विचार धारा के हैं तथा मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करते रहे हैं। उलमा बोर्ड के पदाधिकारियों ने बताया कि नियाज ने अपने नॉवेल के पेज नंबर 196 पर इस्लाम को लेकर अनर्गल बातें लिखी हैं, जिससे इस्लाम की छवि खराब हुई है। साथ ही उन्होंने अपनी पुस्तक में कई जगह अश्लील बातें भी लिखी है। वहीं अपने उपन्यास में एडीएम ने शादी निकाह की पवित्रता का ही मजाक उड़ाया है जो कि काफी आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि नियाज ने महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उसे इस्तेमाल की वस्तु तक निरूपति किया है, जिसका आल इंडिया बोर्ड सख्त विरोध करता है। बोर्ड पदाधिकारियों ने एडीएम के लिखे उपन्यास को प्रतिबंधित कर बाजार से इसे तत्काल हटाने की गुहार की है।
वहीं गुना एडीएम नियाज अहमद का कहना है कि पुस्तक लिखना मेरा संवैधानिक अधिकार है। मैंने महिलाओं के अधिकार को लेकर पुस्तक लिखी है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्होंने सिर्फ अध्याय पांच ही पढ़ा है। नॉवेल मोहब्बत खान नामक पात्र की कहानी है जो तीन तलाक लेता है।