मां बनने के बाद नेशनल में 3 मेडल और स्टेट में जीते 2 स्वर्ण पदक

मां बनने के बाद नेशनल में 3 मेडल और स्टेट में जीते 2 स्वर्ण पदक

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-01 12:25 GMT
मां बनने के बाद नेशनल में 3 मेडल और स्टेट में जीते 2 स्वर्ण पदक

किचन की रेसिपी के बीच चारु सिया ने पॉवरलिफ्टिंग में लगाया जुनून का तड़का
डिजिटल डेस्क कटनी ।
शादी के बाद महिलाओं के मुंह से किचन की रेसिपी के जायके के बारे में तो आप-हम सभी लोग सुनते रहते हैं। ऊपर से परिवार की जिम्मेदारी इस कदर से बढ़ जाती है कि उनका सपना चहरदीवारी के अंदर ही सिमट कर रह जाती है। यह वाक्या भले ही कई महिलाओं के जीवन में अलग-अलग कारणों से सही हुआ हो, लेकिन कटनी की चारु सिया तिवारी के हौसले ने पॉवरलिफ्टिंग में जुनून का तड़का लगाते हुए अन्य महिलाओं के लिए एक मिशाल कायम की है। जिम में जाने का शौक तो इन्हें बचपन से ही रहा। शादी के बाद भी जिम में एक्सरसाईज कायम रखा। मां बनने के बाद भी महिला का जिम से लगाव बरकरार रहा। 2018 में जिम में एक्सरसाईज करते समय ट्रेनर अविनाश दुबे ने पॉवरलिफ्टिंग में चैम्पियन बनाने का सपना महिला को दिखाया। इसके बाद तो चारु के आंखों में मेडल इस तरह से छाया कि दो वर्ष के अंतराल में ही महिला ने स्टेट लेवल और नेशनल लेवल पर प्रतिभा का परचम लहराते हुए 5 पदक जीत लिया। इंटरनेशनल स्तर पर मेडल का सपना संजोए हुए आज भी चारु घरेलू जिम्मेदारियों के बीच नियमित रुप से अभ्यास कर रही है।
कम समय में जीते पदक
मेहनत और नियमित अभ्यास से चारु ने कम समय में ही अपना और कटनी का नाम देश के कोने-कोने में पहुंचा दिया। 84 किलोग्राम के लिफ्टिंग में पहली सफलता भोपाल के समीप नसरुल्लागंज में मिली। स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में महिला ने स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद नेशनल लेवल में खेलने का मौका मिला। केरला के कांजीकोट में सिल्वर पदक जीता। लखनऊ में भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में महिला ने हिस्सा लेकर गोल्ड पदक जीता। महाराष्ट्र के पुणे में सिलवर पदक और फिर 2019 में ही इंदौर में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में महिला ने स्वर्ण पदक जीता।
सामंजस्य से सफलता
महिला ने बताया कि पति सियाराम को जब चैम्पियन बनाने की बात बताई तो उन्होंने हौसला बढ़ाया। परिवार और खेल के बीच सामंजस्य बनाया। जिसके चलते सफलता मिली। बड़े बेटे अंजलि तिवारी जिसकी उम्र 18 वर्ष है और छोटे बेटे अवनील तिवारी जिसकी उम्र 14 वर्ष है। वे भी हर समय हौसला बढ़ाते रहते हैं। चारु ने बताया कि खेल और पारिवारिक जिम्मेदारी के बीच वे पति के बिजनेस में भी हाथ बंटाती हैं। यदि आपने मन में कुछ करने को ठान लिया है तो निश्चित ही सफलता आपके कदम चूमती है। बस उस सफलता को पाने के लिए पूरे मन से कोशिश करना चाहिए।
सहयोग मिलना जरुरी
इस संबंध में तिलक कॉलेज की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. चित्रा प्रभात कहती हैं कि देश में प्राचीन काल से मातृ शक्ति का दबदबा चारों तरफ रहा। परिवार और समाज का सहयोग मिलने से शादी के बाद भी महिला सफलता की मुकांम तक पहुंच जाती हैं। इसके लिए जरुरी है कि महिलाओं के प्रति हम सभी की दृष्टि उसी तरह से हो, जिस तरह का नजरिया शादी के बाद भी पुरुषों के लिए सभी लोग रखते हैं।
 

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