बसपा में संगठनात्मक हलचल तेज, प्रदेश स्तर पर फेरबदल

बसपा में संगठनात्मक हलचल तेज, प्रदेश स्तर पर फेरबदल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-30 11:12 GMT
बसपा में संगठनात्मक हलचल तेज, प्रदेश स्तर पर फेरबदल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद बसपा में मची संगठनात्मक हलचल थम नहीं पायी है। प्रदेश स्तर पर फेरबदल होने लगा है। प्रदेश अध्यक्ष के कामकाज का दायरा भी सीमित किया जाने लगा है। प्रदेश प्रभारियों की संख्या 3 के स्थान पर 5 कर दी गई है। पार्टी अध्यक्ष मायावती सीधे तौर पर संगठन में दखल बढ़ा रही है। नए नियुक्त प्रभारियों में रामअचल राजभर व वीरसिंह शामिल है। इससे पहले अशोक सिद्धार्थ , गौरीप्रसाद उपासक, प्रमोद रैना प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पार्टी सूत्र के अनुसार संगठनात्मक कामकाज के लिहाज से प्रदेश संगठन को 6 जाेन नागपुर, नांदेड, पुणे, मुंबई, नाशिक व औरंगाबाद में बांट दिया गया है। सभी जोन के लिए प्रभारियों के साथ अन्य पदाधिकारी काम करेंगे। इससे पहले राज्य में कुछ पदाधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। 

प्रभारियों की बढ़ी संख्या, प्रदेश अध्यक्ष का कामकाज दायरा घटा

लोकसभा उम्मीदवार रहे मोहम्मद जमाल व औरंगाबाद के उम्मीदवार को निलंबित कर दिया गया। चुनाव के दौरान कुछ प्रमुख पदाधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। रामअचल राजभर व वीरसिंह पहले भी प्रदेश प्रभारी रहे हैं। मायावती के सबसे करीबी कार्यकर्ताओं में गिने जानेवाले इन पदाधिकारियों को लेकर पहले अंदरुनी तौर पर शिकायत थी कि संगठन अनुशासन के नाम पर केवल उत्तरप्रदेश की राजनीति थोपने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष रहे विलास गरुड का कार्यकाल भी विवादित रहा है। कहा जा रहा है कि सुरेश साखरे के बारे में शिकायत बढ़ी है कि वे भी प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका निभाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। चुनाव के दौरान उम्मीदवार चयन के मामले में कई शिकायतें हैं। लिहाजा साखरे का कार्य दायरा कम किया जा रहा है। अब रामअचल राजभर व वीरसिंह ही प्रदेश संगठन के प्रमुख रहेंगे। साखरे को नांदेड जोन की जिम्मेदारी दी जा रही है। यह भी संकेत मिल रहे हैं कि एक सप्ताह बार जाेन स्तर पर संगठन पुनर्गठन कार्य होगा। उसमें कुछ पदाधिकारियों का पत्ता कट सकता है।

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