जेसीओ की नियुक्ति के बाद अधिकार छिनने से कुंठाग्रस्त हो गया था जेसीओ को गोली मारने वाला आरोपी हवलदार
जेसीओ की नियुक्ति के बाद अधिकार छिनने से कुंठाग्रस्त हो गया था जेसीओ को गोली मारने वाला आरोपी हवलदार
डिजिटल डेस्क कटनी । आयुध निर्माणी में जेसीओ को गोली मारने वाले जवान के सरेंडर से 40 घंटे से चल रहे घटनाक्रम का पटाक्षेप हो गया। घटना के कारणों को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं। चूंकि मामला सेना का होने से पुलिस अधिकारी भी खुलकर कुछ कहने से बच रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार आरोपित जवान फरवरी माह से ही कुंठाग्रस्त था, जब जेसीओ अशोक छिकारा की यहां पदस्थापना हुई। पहले आरोपित हवलदार सकत सिंह ही अन्य जवानों की ड्यूटी लगाता था। फरवरी में जेसीओ अशोक छिकारा की पदस्थापना होने से उससे यह अधिकार छिन गया। परेड लेने व ड्यूटी लगाने का पॉवर जेसीओ के पास चला गया। इसी बात से डीएससी क्षुब्ध रहता था और अपने सीनियर से रंजिश रखने लगा था। उल्लेखनीय है कि आर्डीनेंस फैक्टरी के गेट पर 10 अक्टूबर की शाम सात बजे इवनिंग परेड के दौरान हुए विवाद के बाद सकत सिंह पिता हरत सिंह (54) ने जेसीओ अशोक छिकारा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अमरूद, अंगूर खाकर मिटाता था भूख
हत्या के बाद फैक्टरी परिसर में छिपे रहे आरोपी हवलदार सकत सिंह 40 घंटे अमरूद, कच्चे अंगूर खाकर एवं शौचालयों की टंकी का पानी पीकर बिताए। दिन में वह शौचालयों की छतों चला जाता था और रात में शौचालय में छिपा रहता था। उसके कब्जे से एक इंसास रायफल, 13 जिंदा कारतूस मैग्जीन सहित एवं कारतूस के 5 खाली खोखे भी बरामद किए गए हैं। पुलिस के समक्ष दिए बयान में आरोपी ने बताया कि घटनास्थल से लगभग 100 मीटर की दूरी पर वह शौचालय में छिप गया था। रात्रि में शौचालय के छत में चला जाता था तथा दिन में शौचालय के अंदर छिपा रहता था। शौचालय की बिल्डिंग के उपर रखी पानी की टंकी से पानी पीता था और वहीं अमरूद व कच्चे अंगूर खाकर भूख मिटाता था। मोबाइल की बैटरी बचाने वह बीच-बीच में स्विच ऑफ कर देता था।
दिन भर फैक्टरी में नहीं हुआ काम
सोमवार को आर्डीनेंस फैक्टरी में दिन भर काम नहीं हुआ। एक दिन पहले ही कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को फैक्टरी प्रबंधन ने मोबाइल पर इसकी सूचना दे दी थी। एमपी सेक्शन एवं फायर ब्रिगेड भी घटना स्थल की समीप है। जहां लगभग 20 कर्मचारी काम करते हैं। भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी ने बताया कि घटना के कुछ देर बाद ही एम्बुलेंस से कर्मचारियों को बाहर निकाला गया था। अब सोमवार नाइट शिफ्ट से काम शुरू हो गया है।
अगले माह होनी थी बेटी की शादी
आरोपी को आत्म समर्पण कराने और पकडऩे में असफल रहने के बाद सेना व पुलिस अधिकारियों ने मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाया और परिजनों से जब बात कराई तब
आरोपित ने 40 घंटे बाद सरेंडर किया। जिससे सेना व पुलिस अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली। पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने बताया कि आरोपी के बेटे
व बेटी से बात करने के बाद उसके तेवर नरम हुए और उसने सरेंडर किया। उसका बेटा एयरफोर्स में है जबकि बेटी की शादी अगले माह होनी थी। आरोपी जवान के विरुद्ध धारा 302, 25, 27 आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है और मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। वहीं आर्मी द्वारा भी आरोपी के खिलाफ डिफेंस लॉ के तहत कार्रवाई की जाएगी।