मुंबई से दिल्ली शिफ्ट होगा एआईसीटीई, 1987 को चर्चगेट में शुरू हुआ था कार्यालय

बढ़ेगी परेशानी  मुंबई से दिल्ली शिफ्ट होगा एआईसीटीई, 1987 को चर्चगेट में शुरू हुआ था कार्यालय

Tejinder Singh
Update: 2022-11-23 16:52 GMT
मुंबई से दिल्ली शिफ्ट होगा एआईसीटीई, 1987 को चर्चगेट में शुरू हुआ था कार्यालय

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ’कौशिक। महाराष्ट्र में लगने वाली कई औद्योगिक परियोजनाओं के राज्य से बाहर जाने के बाद अब केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत एक और केंद्रीय संस्थान का मुंबई स्थित कार्यालय दिल्ली शिफ्ट होने वाला है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) का पश्चिम क्षेत्रीय कार्यालय अब दिल्ली जायेगा। फिलहाल यह महानगर के पवई इलाके में स्थित है। संस्थान की तरफ से शिफ्टिंग को इस लिए जरूरी बताया जा रहा की क्षेत्रीय कार्यालय को दिल्ली मुख्य कार्यालय में शिफ्ट किए जाने पर कामकाज में सुविधा होगी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पवई, मुंबई स्थित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के संभागीय कार्यालय को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है। तकनीकी शिक्षा के प्रसार के लिए संसद के निर्देशानुसार प्रत्येक राज्य तथा प्रमुख नगरों में तकनीकी शिक्षा परिषद का संभागीय कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया। यह कार्यालय 1987 में मुंबई के चर्चगेट में स्थापित किया गया था, जिसे बाद में पवई स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन अब यूजीसी के नए अध्यक्ष को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का प्रभार सौंपा गया है। इसलिए नए अध्यक्ष ने इस कार्यालय को मुंबई से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है और पंद्रह दिनों के भीतर इस कार्यालय को तत्काल स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए हैं।

राज्य के लोगों की बढ़ेगी परेशानी 

इस फैसले से राज्य के तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों को अब विभिन्न अनुमतियों के लिए दिल्ली कार्यालय से संपर्क करना होगा और छात्रों के डिग्री प्रमाण पत्र और मेरिट शीट के लिए भी दिल्ली कार्यालय से संपर्क करना होगा। स्थानांतरण के फैसले से  नाराजगी व्यक्त की है। केंद्र सरकार जहां मुंबई के एक महत्वपूर्ण कार्यालय को मुंबई से बाहर स्थानांतरित करने की योजना बना रही है, वहीं इस अवसर पर इसमें एक और कार्यालय जोड़ने की चर्चा शुरू हो गई है।

कर्मचारियों के परिजन चिंतित 
इस फैसले से कार्यालय से जुड़े स्थायी और संविदा कर्मचारियों को झटका लगा है। अचानक आए इस फैसले से उन्हें परिवार सहित दिल्ली पलायन करना पड़ेगा। इससे कर्मचारियों अधिकारियों के परिजन परेशान हैं। इनका कहना है की वेतन भी ज्यादा नहीं है, ऐसे में दिल्ली जाकर अपना परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा। 

 

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