‘वनमाली जी’ की 110 वीं जयंती पर वनमाली सृजन केन्द्रों का तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन

राष्ट्रीय सम्मेलन ‘वनमाली जी’ की 110 वीं जयंती पर वनमाली सृजन केन्द्रों का तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-01 13:31 GMT
‘वनमाली जी’ की 110 वीं जयंती पर वनमाली सृजन केन्द्रों का तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सुप्रतिष्ठित कथाकार, शिक्षाविद् एवं विचारक स्व. जगन्नाथ प्रसाद चैबे वनमाली जी की 110 वीं जयंती के अवसर पर वनमाली सृजन केन्द्रों के दो दिवसीय ‘तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन’ का भव्य शुभारंभ आज रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के शारदा सभागार में हुआ। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में सुदूर अँचलों, गाँव-कस्बों में कला, साहित्य, संस्कृति, सामाजिक सरोकारों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि में स्थापित 150 से अधिक वनमाली सृजन केंद्रों के अध्यक्ष, संयोजक एवं रचनाकार सदस्यों ने रचनात्मक भागीदारी की। इस अवसर पर वनमाली जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर केंद्रित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। उद्घाटन सत्र में आरएनटीयू के प्रो-चांसलर डाॅ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, आईसेक्ट ग्रुप आॅफ यूनिवर्सिटीज (एजीयू) की निदेषक डाॅ. अदिति चतुर्वेदी, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष श्री मुकेष वर्मा, वरिष्ठ कवि श्री बलराम गुमास्ता सहित गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

वरिष्ठ कवि-कथाकार, विश्व रंग के निदेशक, वनमाली सृजन पीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कुलाधिपति श्री संतोष चैबे की अध्यक्षता में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में स्थानीय ग्रामीण, आदिवासी कस्बों से लेकर जिला, राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के समावेशी दृष्टिकोण के साथ साहित्य, कला, संस्कृति के व्यापक विस्तार, शोध, अन्वेषण, दस्तावेजीकरण के लिए विभिन्न सत्रों में विचार-विमर्श किया।

उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वनमाली जी के सुपुत्र श्री संतोष चैबे जी ने बताया कि सुप्रसिद्ध कथाकार शिक्षाविद् तथा विचारक स्वर्गीय जगन्नाथ प्रसाद चैबे ’वनमाली जी’ के रचनात्मक योगदान और स्मृति को समर्पित वनमाली सृजन पीठ एक साहित्यिक, सांस्कृतिक तथा रचनाधर्मी अनुष्ठान है, जो विगत तीस वर्षों से परंपरा तथा आधुनिक आग्रहों के बीच संवाद तैयार करने के लिए सतत सक्रिय है। इन तीस वर्षों में वनमाली सृजन पीठ ने अविस्मरणीय सृजन यात्रा तय की है। यह यात्रा अनवरत जारी है। वनमाली जी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। वनमाली जी के अब तक 150 से अधिक केन्द्र देषभर में बन चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी भाषा सुपर डोमेन है। विदेषों में आज हिंदी पर बहुत काम हो रहा है। विदेषी लेखकों की रुचि अब भारत की संस्कृति और साहित्य में लगातार बढ़ती जा रही है। साहित्य एक परंपरा है। विज्ञान कथाओं पर भी हम काम कर रहे हैं। हमने ये महसूस किया कि साहित्य और पुस्तकों के प्रति लोगों की रुचि जागृत करने की जरुरत है। पुस्तक यात्रा हमारी मूल अवधारणा है जिसके माध्यम से पुस्तकें लाइब्रेरी से निकलकर लोगों तक पहुंच रही हैं।

वनमाली सृजन पीठ एवं सृजन केन्द्रों के रचनाकारों ने सुनाई कविताएं 
इस अवसर पर वरिष्ठ कथाकार एवं वनमाली सृजन पीठ, बिलासपुर के अध्यक्ष सतीश जायसवाल के मुख्य आतिथ्य एवं वरिष्ठ कवि- विश्व रंग आयोजित समिति के सदस्य बलराम गुमास्ता और इलेक्टानिकी आपके लिए की कार्यकारी संपादक श्रीमती विनीता चैबे की अध्यक्षता में आयोजित कविता-पाठ में देशभर के वनमाली सृजन पीठ एवं सृजन केन्द्रों के प्रतिनिधि रचनाकारों की कविताओं में बरसी सावन की रिमझिम फुहारें। 

इस अवसर पर डॉ विमल शर्मा (वैशाली) ने सावन का गीत ’सावन आ गया है’, मनोहर बाथम (हजारीबाग) ’न सुरों की सरहदें न पंछियों की सरहदें’, ’कीचड़’ ’आतंकी का मकान देख लो’, आशीष दशोत्तर (रतलाम) ‘कभी ऐसा हो’ ‘उसकी पसंद का चेहरा, ‘खामोशी की आवाज’, संजय सिंह राठौर ’बरसाती नदियों’ और ’पिता होना’, डॉ. मौसमी परिहार ‘सबके अपने-अपने सच हैं जस के तस मुठ्ठी भर आसमान मनभर उड़ान’ ‘पांच तत्व’ ‘तुमने जब छुआ’, विक्रांत भट्ट ‘चांद पर पानी’ ‘पहले से ज्यादा आगे’ और सुधीर सक्सेना, राजेन्द्र शर्मा (मुंबई), स्वाति तिवारी (इंदौर), संतोष जैन (घोड़ाडोंगरी), ब्रज श्रीवास्तव (विदिशा), गोविंद शर्मा (खंडवा) मनोज शुक्ला हिंदुस्तानी (शाहपुर), ओम यादव (देवास), लियाकत खोकर (लखनऊ) जयसिंह गगन (सीधी), मिथिलेश राय (शहडोल) सफिया सिद्धकी (अलीगढ़) सीमा शाहजी (थांदला), ने अपनी रचनाएं सुनाईं। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार गोविंद शर्मा ने किया। 

लोकार्पित हुईं पुस्तकें और पत्रिकाएंः
‘वनमाली’ जी की ‘दस कहानियां’ पुस्तक सहित विष्व रंग का पोस्टर, ‘वनमाली कथा’, ‘विश्व रंग’, ‘रंग संवाद’, ‘इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए’, ‘वनमाली वार्ता’ पत्रिकाएँ, वनमाली सृजनपीठ का ब्रोसर एवं आईसेक्ट पब्लिकेशन के नवीन कैटलॉग का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। संचालन युवा आलोचक अरुणेश शुक्ल ने किया।

2 अगस्त के कार्यक्रम-
सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार सुनाएंगे व्यंग्य रचनाएँः
कल दिनांक 2 अगस्त 2022 (मंगलवार) को दोपहर 3ः00 बजे से शाम 4ः30 तक मिसरोद स्थित स्कोप कैम्पस के सभागार में वरिष्ठ कथाकार एवं वनमाली सृजन पीठ, भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा की अध्यक्षता में आमंत्रित सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार कैलाश मंडलेकर (खंडवा), शांतिलाल जैन (उज्जैन), साधना बलवटे, गोकुल सोनी, मलय जैन, घनश्याम मैथिल ‘अमृत’, कुमार सुरेश एवं विजी श्रीवास्तव द्वारा व्यंग्य पाठ किया जाएगा। संचालन वरिष्ठ रचनाकार घनश्याम मैथिल अमृत द्वारा किया जाएगा।

गीत-गजल से गुलजार होगी सुहानी शामः
शाम 5ः00 बजे से शाम 7ः00 बजे तक स्कोप कैम्पस के सभागार में वरिष्ठ कवि एवं वनमाली सृजन पीठ, दिल्ली के अध्यक्ष लीलाधर मंडलोई के मुख्य आतिथ्य एवं वरिष्ठ गीतकार डॉ. राम वल्लभ आचार्य की अध्यक्षता में देश के महत्वपूर्ण गीतकार एवं गजलकार महेश कटारे ‘सुगम’, महेश अग्रवाल, इकबाल मसूद, ऋषि श्रृंगारी, ममता बाजपेयी, किशन तिवारी, अशोक निर्मल, अनु सपन, रमेश नंद, 

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