शव वाहन न मिलने पर कंधों पर ढोकर ले गए शव, ग्रामीणों ने किया हंगामा

शव वाहन न मिलने पर कंधों पर ढोकर ले गए शव, ग्रामीणों ने किया हंगामा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-26 16:14 GMT
शव वाहन न मिलने पर कंधों पर ढोकर ले गए शव, ग्रामीणों ने किया हंगामा

डिजिटल डेस्क, शहडोल। सड़क दुर्घटना में मौत के बाद मृतक के शव को ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला, जिसके बाद उसके परिजन कंधों पर ढोकर शव को पोस्ट मार्टम के लिए ले गए। वाहन न मिलने से नाराज लोगों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया। बताया जाता है कि जिला अस्पताल से मोर्चरी तक शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं हुआ। शव रखकर नाराज परिजनों ने कलेक्ट्रेट परिसर में हंगामा भी किया। प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे, इसके बाद भी वाहन नहीं मिला, और आखिरकार शव को कंधे में रखकर चीर घर तक ले जाना पड़ा।

यह था पूरा मामला
ग्राम अंतरा-अंतरी निवासी पुरुषोत्तम कोल और उसकी पत्नी अंजू शनिवार को सड़क हादसे में घायल हो गए थे। दोनों घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। रात करीब 12 बजे पुरुषोत्तम की मौत हो गई। शव को रखने के लिए अस्पताल में फ्रीजर नहीं मिला। रविवार सुबह पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाना था। अस्पताल में कोई बताने वाला नहीं था कि चीर घर तक किस रास्ते से शव ले जाना है। पुराने रास्ते से परिजन शव ले जाने लगे तो रास्ता बंद मिला। अब तो परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए कलेक्टे्रट परिसर पहुंचे। वह शव रखकर प्रदर्शन किया। सूचना पर एसडीएम सुरेश अग्रवाल पहुंचे। जिन्होंने समझाइश देकर शांत कराया। ज्ञात हो कि अस्पताल से चीर घर की दूरी 100 मीटर है। लेकिन महीनों से यह रास्ता बंद है। कलेक्ट्रेट के होकर शव ले जाना पड़ता है।  


सुधार के निर्देश दिए मुख्य समस्या रास्ता बंद होने के कारण वाहन नहीं मिलने की थी। समझाइश देकर शव भेजा गया। व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए हैं। सुरेश अग्रवाल, एसडीएम, नपा का काम है

अस्पताल से वाहन मुहैया कराना हमारा नहीं नगरपालिका का काम है। फिर भी जब तक रास्ता नहीं खुलता रोगा कल्याण समिति का वाहन उपलब्ध कराया जाएगा। डॉ. उमेश नामदेव, सिविल सर्जन

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