लेटलतीफी: 6 घंटे में 5 ट्रेनें, जिसमें 4 कई घंटे देरी से चली, यात्री हुए परेशान

  • यात्री ट्रेनों के लेट होने का सबसे ज्यादा नुकसान कटनी व बिलासपुर जंक्शन से कनेक्टिंग ट्रेन पकडऩे वाले यात्रियों को हो रहा
  • ट्रेन छूटने के बाद परिवार साथ लेकर यात्रा करने वाले यात्री बेहद परेशान होते हैं।
  • ट्रेन छूट जाने के बाद रिफंड नहीं मिलने से आर्थिक नुकसान भी होता है।

Safal Upadhyay
Update: 2024-03-27 09:44 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल। रेलवे स्टेशन शहडोल में 19 मार्च को दोपहर 3.30 बजे से रात 10 बजे तक साढ़े 6 घंटे में कटनी दिशा की ओर जाने के लिए 5 यात्री ट्रेनों में 4 ट्रेनें कई घंटे की देरी से चली।

इसमें उत्कल एक्सप्रेस 3 घंटे, नर्मदा और हमसफर एक्सप्रेस 2 घंटे तो दुर्ग-एमसीटीएम एक्सप्रेस एक घंटे की देरी से चली। सिर्फ एक ट्रेन रात 10 बजकर 8 मिनट पर शहडोल पहुंचने वाली 20807 विशाखापटनम-अमृतसर एक्सप्रेस को समय पर चलना बताया गया।

यात्रियों ने बताया कि शहडोल से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों के देरी से चलने का सबसे ज्यादा नुकसान उन यात्रियों को होता है जिन्हें कटनी व बिलासपुर जंक्शन से आगे की ट्रेन पकडऩी होती है।

शहडोल से लेट चलने वाली ट्रेनें आगे जंक्शन में भी देरी से पहुंचती है और जिन यात्रियों को एक या डेढ़ घंटे की मार्जिन में आगे की ट्रेन पकडऩी होती है, ऐसे यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है। ट्रेन छूटने के बाद परिवार साथ लेकर यात्रा करने वाले यात्री बेहद परेशान होते हैं। ट्रेन छूट जाने के बाद रिफंड नहीं मिलने से आर्थिक नुकसान भी होता है।

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