जनवरी में नागपुर आएंगे अमित शाह, भाजपा एससी सेल के अधिवेशन में होंगे शामिल

जनवरी में नागपुर आएंगे अमित शाह, भाजपा एससी सेल के अधिवेशन में होंगे शामिल

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-18 07:25 GMT
जनवरी में नागपुर आएंगे अमित शाह, भाजपा एससी सेल के अधिवेशन में होंगे शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का अखिल भारतीय अधिवेशन शहर में होगा। 19 व 20 जनवरी 2019 को होने वाले इस अधिवेशन में भाजपा एससी मामले को लेकर चल रही राजनीति व घटनाक्रम पर प्रमुखता से मंथन करेगी। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा एससी सेल के अध्यक्ष विनोद सोनकर अधिवेशन में शामिल रहेंगे।  इसके नियोजन को लेकर आरंभिक बैठक हुई। धंतोली स्थित भाजपा के विदर्भ विभागीय कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री विजय पुराणिक प्रमुखता से उपस्थित थे। फिलहाल अधिवेशन के लिए स्थान तय नहीं हो पाया है। देशपांडे सभागृह, मानकापुर इनडोर खेल संकुल, सुरेश भट्ट सभागृह जैसे स्थानों पर अधिवेशन आयोजन की आरंभिक चर्चा हुई है।

अधिवेशन में शामिल होने के लिए देश भर से 5000 से अधिक प्रतिनिधि यहां आएंगे। प्रतिनिधियों के आवास की व्यवस्था को लेकर भी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि, खासदार महोत्सव के समापन के बाद स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों की प्रमुख उपस्थित में विशेष बैठक होगी। उस बैठक में अधिवेशन के आयोजन की व्यापक रुपरेखा तैयार की जाएगी। अधिवेशन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे सहित राज्य के कुछ मंत्री भी शामिल होंगे। विभागीय कार्यालय में हुई बैठक में भाजपा के शहर अध्यक्ष सुधाकर कोहले, विधायक विकास कुंभारे, विधायक मिलिंद माने, भाजपा एससी सेल के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष पारधी, पूर्व उपमहापौर संदीप जाधव, भाजपा एससी सेल के शहर अध्यक्ष धर्मपाल मेश्राम सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। 

एससी एक्ट : पार्टी की भूमिका पर हो सकता है विचार
पार्टी सूत्र के अनुसार इस अधिवेशन में अनुसूचित जाति से जुड़े विविध विषयों के अलावा एससी एक्ट पर प्रमुखता से विचार किया जा सकता है। एससी एक्ट को लेकर उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश के बाद देश भर में हलचल मची थी। न्यायालय के निर्देश के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। कहा गया था कि, सत्ता का नेतृत्व कर रही भाजपा दलित वर्ग के साथ अन्याय कर रही है। नियोजित तौर से एससी एक्ट के विरोध में माहौल बनाया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने एक अध्यादेश जारी करवाया था। कहा था कि, एससी एक्ट का संरक्षण किया जाएगा। तब एससी एक्ट का विरोध कर रहे वर्ग से जुड़े संगठनाें ने भाजपा के विरोध में आवाज उठायी थी। आरएसएस व भाजपा में एक वर्ग यह भी मानता है कि, एससी एक्ट को लेकर शिवराज सिंह को मध्यप्रदेश में कीमत चुकानी पड़ी है। उधर संविधान को लेकर भी राजनीतिक दाव-पेंच चल जा रहे है। भाजपा पर बार बार आरोप लगाया जा रहा है कि, वह संविधान से छेड़छाड़ करने जा रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए अधिवेशन के माध्यम से भाजपा अपने एससी सेल को चार्ज करने वाली है। 
 

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