एक साल पहले मनपा कर्मचारियों के वेतन से काटी गई 18 करोड़ की राशि अब तक बैंक नहीं पहुंची

एक साल पहले मनपा कर्मचारियों के वेतन से काटी गई 18 करोड़ की राशि अब तक बैंक नहीं पहुंची

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-09 08:22 GMT
एक साल पहले मनपा कर्मचारियों के वेतन से काटी गई 18 करोड़ की राशि अब तक बैंक नहीं पहुंची

डिजिटल डेस्क,नागपुर। मनपा सभागृह के साथ अब मनपा कर्मचारी बैंक की आमसभा भी हंगामेदार होने लगी है।  नागपुर मनपा कर्मचारी बैंक की आमसभा हुई, जिसमें बैंक के संचालक मंडल के सदस्यों ने जमकर बवाल मचाया। आरोप है कि मनपा कर्मचारियों के वेतन से काटी गई राशि बैंक में एक साल से जमा नहीं की गई और न ही बैंक ने यह राशि वसूलने की कोशिश की। कुल रकम 18 करोड़ 88 लाख 20 हजार 527 रुपए है। दलील दी गई है कि अगर यह राशि किसी बैंक में एफडी या बचत खाते में रखी जाती तो मनपा का लाखों का ब्याज मिलता, जिससे भागीदारों को फायदा होता। सभा में बैंक में बोगस भर्ती और रिश्तेदारों को अनाप-शनाप कर्ज बांटने और उसकी वसूली नहीं करने का आरोप लगाते हुए संचालक मंडल को ही बर्खास्त करने की मांग की गई। इसे लेकर काफी बवाल मचा। आखिरकार पुलिस को भी बुलाना पड़ा। हंगामे और विरोध के बीच में संचालक मंडल ने विषयों को मंजूरी देते हुए सभा स्थगित कर दी।

संचालकों का विरोध

इस दौरान सदस्यों ने सत्ताधारी लोकक्रांति पैनल के सभी पदाधिकारी व संचालकों का निषेध कर संचालक मंडल बर्खास्त करने की मांग कर सभा का बहिष्कार किया। सभा में गौतम गेडाम, प्रवीण तंत्रपाले, देवराव मांडवकर, कृष्णा उजवणे, दीपक स्वामी, हेमराज शिंदेकर, सत्यवान मेश्राम, बलीराम शेंडे सहित अन्यों ने संचालक मंडल का विरोध किया। सोमवार को सहकार विभाग से इसकी शिकायत कर संचालक मंडल बर्खास्त करने की मांग की जाएगी। 

वार्षिक रिपोर्ट की कॉपी फाड़कर फेंकी

रविवार को रेशमबाग स्थित महात्मा फुले सभागृह में नागपुर मनपा कर्मचारी बैंक की 85वीं आमसभा हुई। सभा के दौरान संचालक मंडल के सदस्यों ने सवालों के जवाब मांगने की कोशिश की, लेकिन लोकक्रांति पैनल के पदाधिकारी व संचालक मंडल द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। विरोध में अन्य सदस्यों ने हंगामा मचाते हुए सभा में संचालक मंडल पर वार्षिक रिपोर्ट की कॉपी फाड़कर फेंकी। हंगामे के बीच संचालक मंडल ने विषयों को मंजूरी दी। पुलिस को तलब किया गया। 

कोई हंगामा नहीं हुआ 

सभा में कोई हंगामा नहीं हुआ। सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का अधिकार है। मनपा के पास जो राशि लंबित है, वे धीरे-धीरे दी जा रही है। इससे किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ है। -राजकुमार यादव, उपाध्यक्ष, नागपुर मनपा कर्मचारी बैंक 

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