आंगनबाड़ी में बच्चों को नहीं मिलता पौष्टिक आहार, भड़के खाद्य आयोग के अध्यक्ष

आंगनबाड़ी में बच्चों को नहीं मिलता पौष्टिक आहार, भड़के खाद्य आयोग के अध्यक्ष

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-24 07:46 GMT
आंगनबाड़ी में बच्चों को नहीं मिलता पौष्टिक आहार, भड़के खाद्य आयोग के अध्यक्ष

डिजिटल डेस्क,शहडोल। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए कहा गया है, लेकिन मप्र खाद्य आयोग के अध्यक्ष आर के स्वाई उस वक्त गुस्सा हो गए जब उन्हें आंगनबाड़ी में पोषण आहार में चावल, आलू की खिचड़ी, कम उपस्थिति सहित बच्चों के वजन में अंतर और अराजकता दिखाई दी। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई। 

दरअसल मध्यप्रदेश खाद्य आयोग  के अध्यक्ष स्वाई ने शनिवार को गोहपारू विकासखंड के ग्राम असवारी में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। यहां के हालात देखकर स्वाईं को कहना पड़ा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के हालात बेहद चिंताजनक और अराजक हैं। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की सलाह तक दे दी। खाद्य आयोग अध्यक्ष ने पाया कि आंगनबाड़ी केंद्र के सभी खिड़की दरवाजों को बंद करके रखा गया था, उन्होने स्वयं सभी कमरों की खिड़कियों को खोला। 

खिचड़ी में नहीं थी दाल, सब्जी
खाद्य आयोग अध्यक्ष ने बच्चों के लिए बनाई गई खिचड़ी मंगाकर खिचड़ी का अवलोकन किया। अवलोकन करने पर उन्होंने बताया कि खिचड़ी में आलू, चावल और नमक ही था। दाल, सब्जियां तथा अन्य पौष्टिक तत्व नहीं थे। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बेहद चिंताजनक है, जिसका मुख्य कारण समय-समय पर आंगनबाड़ी केन्द्रों की मॉनिटरिंग नहीं होना है। खाद्य आयोग अध्यक्ष ने शारदा स्वसहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे मध्यान्ह भोजन का भी निरीक्षण किया। छात्र-छात्राओं को दिए जा रहे मध्यान्ह भोजन के मैन्यू के संबंध में स्वसहायता समूह के सदस्यों द्वारा मीनू अनभिज्ञता जाहिर करने पर  खाद्य आयोग अध्यक्ष ने शारदा स्वसहायता समूह को हटाने के निर्देश दिए।

लापरवाहों को दें VRS
खाद्य आयोग अध्यक्ष ने आंगनबाड़ी केंद्र में मशीन से बच्चों का वजन करके देखा, लेकिन वजन मशीन में दर्ज आंकड़ों से बच्चों के रजिस्टर में दर्ज वजन से मिलान नहीं होने से कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के प्रति आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी बेहद लापरवाह हैं। ऐसी उदासीन और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव शासन को भेजा जाना चाहिए तथा इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना चाहिए। 

33 में से मिले सिर्फ 18 बच्चे
चर्चा के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि आंगनबाड़ी केद्र असवारी में 33 बच्चे दर्ज हैं। जब गणना करने पर सिर्फ 18 बच्चे उपस्थित मिले। अध्यक्ष खाद्य आयोग ने आंगनबाड़ी केंद्र असवारी की अराजक स्थिति देखकर कहा कि लापरवाही, उदासीन और कामचोर अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। 


 

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