गोली मारकर किया तेंदुए का शिकार, सड़क किनारे शव फेंक कर भागे

गोली मारकर किया तेंदुए का शिकार, सड़क किनारे शव फेंक कर भागे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-30 07:46 GMT
गोली मारकर किया तेंदुए का शिकार, सड़क किनारे शव फेंक कर भागे

डिजिटल डेस्क शहडोल । पहले कल्याणपुर में बाघ का शव मिला, चार दिन बाद ही गोहपारू में तेंदुए का शिकार हो गया। संभागीय मुख्यालय से 20 किलोमीटर पास ग्राम सेमरा में मंगलवार रात सड़क किनारे तेंदुए का शव बरामद किया गया। शिकारी इसे मारकर बाइक से ले जा रहे थे। ग्रामीणों की नजर पड़ गई तो वे सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए।
   इस बीच डायल 100 को सूचना दी गई। गोहपारू थाने का स्टाफ और वन अमला भी मौके पर पहुंच गया। डीएफओ समेत अन्य अधिकारी भी रात मेें ही पहुंच गए। तुरंत नाकेबंदी कर दी गई। जिससे बोलेरो सवार दो संदिग्धों को पकड़ लिया गया। पूछताछ में उन्होंने जुर्म कबूल लिया है। पकड़े गए दोनों आरोपी जयसिंहनगर के बताए जाते हैं, बाइक से भागे उनके साथी भी वहीं के हैं। उनके बारे में भी पता चल गया है। शिकार करने के बाद ये लोग तेंदुए को बोलेरो से ही ले जा रहे थे, लेकिन जांच के डर से योजना बदल दी। दो लोग बाइक से तेंदुए को लेकर आगे-आगे निकले, इन्हें नदी के पास तेंदुए को फेंकना था और बाद में बोलेरो से उसको उठाकर ले जाते, लेकिन लोगों की नजर पड़ गई और इनके मंसूबे फेल हो गए।
गर्दन में मारी थी गोली
बुधवार को सीधी से डॉग स्क्वॉड बुलाकर जांच कराई गई। स्निफर डॉग अपोलो उस बोलेरो गाड़ी के पास भी गया, जिसे पकड़ा गया था। इसके बाद दीयापीपर नर्सरी में अधिकारियों की मौजूदगी में तेंदुए का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम करने वाली टीम में पशु चिकित्सक डॉ. आरके पाठक और आरपी गुप्ता शामिल थे। डॉ. पाठक ने बताया कि शव परीक्षण के दौरान तेंदुए के गर्दन से गोली मिली है। गोली का आकार बहुत ही छोटा है। कुछ लोग इसे तीर का नोंक भी मान रहे हैं। मौत का कारण गले की हड्डी टूटना और अधिक रक्तस्राव है। उन्होंने बताया कि तेंदुए की उम्र 2 से 3 साल रही होगी।

सीधी बात- प्रदीप मिश्रा, डीएफओ, दक्षिण वन मंडल शहडोल
चार दिन के भीतर दो शिकार, वन विभाग कर क्या रहा है?
-बाघ का शिकार हुआ कि नहीं यह तो जांच के बाद पता चलेगा, लेकिन तेंदुए का शिकार हुआ है। वन अमला जंगलों में गश्ती कर रहा है। मैं स्वयं भी गश्ती पर निकल रहा हूं। गश्ती कहीं हो रही है और घटना कहीं और हो जाए तो क्या किया जा सकता है। फिर भी हम वन और वन्य प्राणियों की रक्षा का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

 

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