आश्रम छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों एवं माँ-बाड़ी केन्द्रों में स्थापित होंगे सुपोषण वाटिका व पंचफल उद्यान जनजाति मंत्री ने स्वीकृत की 1.82 करोड़ रूपयें की कार्य योजना

आश्रम छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों एवं माँ-बाड़ी केन्द्रों में स्थापित होंगे सुपोषण वाटिका व पंचफल उद्यान जनजाति मंत्री ने स्वीकृत की 1.82 करोड़ रूपयें की कार्य योजना

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-13 09:54 GMT
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डिजिटल डेस्क, जयपुर। 12 अक्टूबर। अतिरिक्त मुख्य सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, श्री राजेश्वर सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों, आश्रम छात्रावासों, खेल छात्रावासों तथा माँ-बाड़ी केन्द्रों में निवास कर रहे बालक- बालिकाओं की पौष्टिक आहार सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिए इन संस्थाओं में सुपोषण वाटिकाएँ एवं पंचफल उद्यान स्थापित किये जायेंगे। जनजाति मंत्री श्री अर्जुन सिंह बामनिया ने इस हेतु रू. 1.82 करोड़ की परियोजना मंजूर की है। श्री सिंह ने बताया कि इससे विद्यालयों एवं छात्रावासों में वर्ष पर्यन्त फल और सब्जियों की उपलब्धता बनी रहेगी व किचन/भोजन के वेस्ट का उपयोग कम्पोस्ट पिट में किया जाकर जैविक खाद का निर्माण होगा, जिससे उत्पादित सब्जियाँ व फल रसायन रहित व पौष्टिक होंगे। श्री सिंह ने बताया कि पंचफल उद्यान के अंतर्गत पपीता, सीताफल, अमरूद, सहजन, चीकू, आम, नींबू तथा सुपोषण वाटिका में बैंगन, टमाटर, मिर्च, भिन्डी, फूलगोभी, पत्तागोभी, गाजर, मूली, लौकी, तरोई, मटर, सेमफली, कद्दू, पालक, धनिया तथा मैथी आदि के पौधे लगाए जाएँगे। श्री सिंह ने बताया कि 36 विद्यालयों में से प्रत्येक में सुपोषण वाटिका एवं पंचफल उद्यान 5,000 वर्गमीटर भूमि में विकसित की जाएगी जिस पर लगभग 37 लाख रू. तथा 398 छात्रावासों में प्रत्येक में 500 वर्गमीटर भूमि विकसित की जाएगी जिस पर लगभग 131 लाख रू. व्यय होंगे। इसी प्रकार चारदीवारी युक्त 350 माँ-बाड़ी केन्द्रों में प्रत्येक में 50 वर्गमीटर भूमि में उक्त वाटिका व उद्यान लगाए जाएँगे, जिस पर कुल 14 लाख रू. का व्यय होगा। ———

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