लोकायुक्त के पहुंचने के पहले ही बाबू ने गायब कर दी रिश्वत की रकम

लोकायुक्त के पहुंचने के पहले ही बाबू ने गायब कर दी रिश्वत की रकम

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-13 13:48 GMT
लोकायुक्त के पहुंचने के पहले ही बाबू ने गायब कर दी रिश्वत की रकम

डिजिटल डेस्क, कटनी। तहसील कार्यालय बड़वारा में बाबू को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ने पहुंची लोकायुक्त की टीम को खाली हाथ ही लौटना पड़ा है। दरअसल बाबू को यह भनक लग गई थी कि लोकायुक्त उसे रिश्वत के साथ रंगेहाथों पकड़ने पहुंचने वाली है। बाबू ने रिश्वत की राशि को गायब कर दिया और टीम को वापस लौटना पड़ा।

डीएसपी वर्मा के नेतृत्व में पहुंची थी टीम
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील कार्यालय बड़वारा में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 घुरउ प्रसाद कोल ने रोशन नगर कटनी निवासी आशिक हुसैन से दो हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। लिपिक ने यह रकम रेत भंडारण अनुज्ञप्ति के सत्यापन के लिए मांगी थी। इसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर से की। रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर एसपी लोकायुक्त ने डीएसपी जे.पी.वर्मा के नेतृत्व में टीम गठित कर शुक्रवार को बड़वारा भेजा। टीम ने तहसील कार्यालय की घेराबंदी की। टीम ने पाउडर लगे नोट लेकर फदियादी को भेजा, शाम करीब 6-7 बजे के बीच फरियादी ने लिपिक को दो हजार रुपए दिए, उसी समय लोकायुक्त टीम ने तहसील कार्यालय में दबिश दी, लेकिन कार्यवाही की भनक लगने पर अंधेरे का लाभ उठाकर रिश्वत की रकम कहीं गायब कर दी।

यह रहे टीम में शामिल
लोकायुक्त पुलिस ने लिपिक के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा-7 एवं साक्ष्य मिटाने पर धारा 201 के तहत प्रकरण कायम किया गया। आरोपी बाबू को गिरफ्तार कर मुचलके पर रिहा किया। टीम में डीएसपी वर्मा के अलावा टीआई कमल उइके, आरक्षक  अजय विष्ट, शरद पांडेय, सागर सोनकर, राकेश विश्वकर्मा, सुरेन्द्र भदौरिया शामिल थे।

मामला हुआ दर्ज
इस संबंध में एसपी अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि फरियादी आशिक हुसैन निवासी रोशननगर कटनी से तहसील कार्यालय बड़वारा को सहायक ग्रेड-3 घुरउ प्रसाद कोल द्वारा रेत भंडारण अनुज्ञप्ति के सत्यापन के लिए दो हजार रुपये की मांग की गई थी। शुक्रवार शाम को टीम बड़वारा भेजी गई थी। आरोपी ने टीम के पहुंचने पर रिश्वत की रकम गायब कर दी थी। साक्ष्य छिपाने पर आरोपी के खिलाफ धारा 201 के तहत भी अपराध पंजीबद्ध किया गया है। रिश्वत मांगे जाने की रिकाडिंग है, जिस पर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत कार्यवाही की गई।

 

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