बोर्ड परीक्षा परिणाम में बालाघाट ने बाजी मारी - 15 मेरिट में

बोर्ड परीक्षा परिणाम में बालाघाट ने बाजी मारी - 15 मेरिट में

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-14 08:43 GMT
बोर्ड परीक्षा परिणाम में बालाघाट ने बाजी मारी - 15 मेरिट में

डिजिटल डेस्क बालाघाट। बोर्ड परीक्षा परिणाम में बालाघाट ने इतिहास रचते हुए पहली बार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पहली बार बालाघाट से कक्षा 12 में 5 विद्यार्थियों और कक्षा 10 वीं में 10 विद्यार्थियों ने प्रदेश की प्रावींण्य सूची में अपना नाम दर्ज किया है। जिनका 14 मई को  परीक्षा परिणाम घोषणा पर सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल में सम्मान किया जाएगा। जिले की इस बड़ी उपलब्धि में एक मूकबधिर दिव्यांग ने भी जिले को पूरे प्रदेश में गौरवान्वित किया है। 

इन्होंने बढ़ाया जिले का गौरव 
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी अनुसार कक्षा 12 वीं में बालाघाट उत्कृष्ठ स्कूल से पुष्पांजली पिता अनिल बघेल, दादाबाड़ी स्कूल से डिंपल पिता दीपेंद्र जैन,  वैदिक कान्वेंट स्कूल लालबर्रा से साक्षी पिता हरिलाल पटले और शास. कन्या स्कूल उकवा की विनिता पांडे ने जिले का नाम गौरवान्वित किया है। इसी प्रकार कक्षा 10 वीं में एमसीएस स्कूल से वैष्णवी पिता सत्येंद्र शरणागत, वारासिवनी के झाड़ीवाडा स्कूल की लक्ष्मी चरणलाल राहंगडाले, बालाघाट उत्कृष्ट स्कूल की चित्रलेखा पिता जीतलाल कटरे,  मयूर टेम्भरे पिता रामकुमार, खुशी पिता गुलाबचंद यादव, जाह्नवी पिता रामेश्वर पांचे, शास. हाईस्कूल घंसा की स्नेहा पिता उदेलाल उपराडे, कटंगी की धुर्वा हरिनखेड़े पिता रविन्द्र, अरुणोदय स्कूल कनकी की मेघा पिता उमेश बिसेन, शास. हाईस्कूल नवेगांव (कटंगी)की पल्लवी पिता प्रभुदयाल ने प्रदेश की प्रावीण्य सूची में अपना नाम दर्ज किया है। 

दिव्यांग श्रेणी में अभिजीत सिंह नगपुरे प्रथम 
दिव्यांग श्रेणी में कृषि संकाय से अभिजीत सिंह पिता सुरजीत सिंह नगपुरे ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अभिजीत के पिता ने बताया कि वह सिवनी में निवास करते हैं तथा उनका पुत्र अभिजीत जो जन्म से दिव्यांग है तथा अपक्ष्यघात से पीड़ित है, अपने मामा के यहां वारासिवनी के ग्राम लालपुर में रहकर कृषि संकाय में बावनथड़ी गुरुकुल हायर सेकेंडरी चिखलाबांध में अध्ययनरत है। वह नियमित 10 किलोमीटर स्कूल मामा के साथ जाता था। अभिजीत के पिता बताते हैं कि उसके बच्चे का ग्रेसपिंग पावर बहुत तेज है। उसकी शिक्षा में दिव्यांगता बाधक नहीं बन पाई। और कक्षा 12वीं में दिव्यांग श्रेणी में टॉपर होकर उसने संपूर्ण परिवार का गौरव बढ़ाया है। अभिजीत ने बताया कि उसे कंप्यूटर पर कार्य करना अच्छा लगता है, और वह आगे कंप्यूटर साइंस लेकर अध्ययन करेगा। अभिजीत के अनुसार उसे क्रिकेट का खेल बहुत पसंद है। 

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