पानी की तलाश में बेमौत मारे जा रहे वन्यप्राणी, सड़क क्रास करने में चीतल की मौत

पानी की तलाश में बेमौत मारे जा रहे वन्यप्राणी, सड़क क्रास करने में चीतल की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-04 14:15 GMT
पानी की तलाश में बेमौत मारे जा रहे वन्यप्राणी, सड़क क्रास करने में चीतल की मौत

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। यहां आस पास के जंगलों में पानी की कमी स्पष्ट दिखाई देने लगी है। भर दोपहर पानी की तलाश में निकले चीतल की उस समय वाहन की टक्कर से मौत हो गई, जब वह सड़क क्रास कर रहा था। गौरतलब है कि यहां जंगलों में अभी तक वन्य प्राणियों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। इस संबंध में बताया गया है कि बालाघाट वन परिक्षेत्र अंतर्गत वैनगंगा नदी के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से नर अवयस्क चीतल की मौत हो गई। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जंगल में पानी की कमी के कारण वन्यप्राणी चीतल शहरी क्षेत्र की ओर पानी पीने आए होंगे। इस दौरान तेज रफ्तार वाहन ने सड़क पार कर रहे चीतल को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई होगी।

शव का अंतिम संस्कार किया
घटना की जानकारी के बाद वनविभाग की टीम ने मृत चीतल को बरामद कर विधिवत पीएम कराकर शव का अंतिम संस्कार किया गया। बालाघाट परिक्षेत्र अधिकारी पायल राजावत ने बताया कि बीती रात किसी अज्ञात वाहन ने चीतल को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई है। जिसकी जानकारी मिलने के बाद मृत चीतल के शव को बरामद कर उसका विधिवत पीएम कराया गया। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारी एसडीओ अमित पटौदी और अन्य विभागीय कर्मियों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

रोजाना देखने मिलता है चीतलों का समूह
बताया जाता है कि बजरंग घाट से लेकर मनका टेकरी तक के वन क्षेत्र में 10 से 12 चितलों का समूह रोजाना देखने मिलता है। किंतु वन विभाग द्वारा इनकी सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी का मानना है कि पानी की तलाश में वनक्षेत्र से शहरी क्षेत्र की ओर आने के दौरान वन्यप्राणी ऐसे हादसों का शिकार हो जाते हैं। जिससे भी कई सवाल खड़े होते हैं कि विभाग आखिर जंगल में वन्यप्राणियों के लिए पानी की व्यवस्था क्यों नहीं कर पा रहा है, ताकि वन्यप्राणी जंगल से निकलकर शहर की ओर न आए।

 

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