देऊलगांव राजा की 350 साल पुरानी लाठी मंडप परंपरा, दशहरे पर देती है अनूठा संदेश

देऊलगांव राजा की 350 साल पुरानी लाठी मंडप परंपरा, दशहरे पर देती है अनूठा संदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-29 18:04 GMT
देऊलगांव राजा की 350 साल पुरानी लाठी मंडप परंपरा, दशहरे पर देती है अनूठा संदेश

डिजिटल डेस्क, अकोला। देऊलगांव राजा शहर में साढ़े तीन सौ सालों से चली आ रही बालाजी महाराज की लाठी मंडप परंपरा बदस्तूर जारी है। शुक्रवार शाम 6 बजे जोरशोर के साथ बोल बाला साहब की जय के गगनभेदी नारों के बीच सोत्साह संपन्न हुई। इसके बाद दशहरे की रात बालाजी महाराज की यात्रा शुरु होती है। जो दिवाली के 8 दिन बाद समाप्त होती है।

एकता का संदेश देती परंपरा

श्री के दरबार की ऊंचाई 30 फीट होती है। 21 लठ्ठों पर 42 मंडप लगाए जाते हैं। लठ्ठों पर मंडप बांधने का काम माली समाज करता है। हालांकि इससे पहले तेली समाज, भोई समाज, मुस्लिम समाज, सावजी समाज, मराठा समाज मंडप खड़े करने के लिए खास योगदान देते हैं। जिन्हें सड़क बनाने, पताका लगाने सहित कई कार्य सौंपे जाते हैं। इस प्रकार साढ़े तीन सौ सालों से चली आ रही परंपरा यहां एकता का संदेश देती है।

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